मेरा गाँव- राम किशोर पाठक

मेरा गाँव- गोपी छंद

शहर में जो रहने वाले।
आज बनते हैं मतवाले।।
गाँव का मैं रहने वाला।
समझते हैं भोला भाला।।

बात बताऊँ गाँव की मैं।
अपनों की उस छाँव की मैं।।
नहर किनारे पर बसा है।
लोगों से जैसे कसा है।।

सड़क बिजली हर सुविधाएँ।
यहाँ शहरों जैसी पाएँ।।
खूब होती भी है खेती।
अन्न से आँगन भर देती।।

सियारामपुर गाँव ऐसे।
अड़ियल कहें उनको कैसे।।
राष्ट्र मार्ग से मील दूरी।
सोन नदी दो मील दूरी।।

पेड़ यहाँ पर है घनेरा।
दिन में लगता है अँधेरा।।
मिले बेल आँवला ज्यादा।
सेहत का रखकर इरादा।।

गाँव में रहना अच्छा है।
वायु पानी सब अच्छा है।।
पहचान सबकी रखते हैं।
इंसान अब भी रहते हैं।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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