मेरी लेखनी – भूषण छंद आधारित गीत
उठा लेखनी लिखते हम, सदा सत्य को करें प्रबल।
सभी यहाँ खुश होते कब, लगे कभी मुश्किल सा पल।।
झूठ परोसें कहीं अगर, घृणित लेखनी होती तब।
कैसा भी हो काम मगर, अच्छा सुनना चाहें सब।।
हमें दिखाना सबको पथ, लिखना केवल नहीं गजल।
सभी यहाँ खुश होते कब, लगे कभी मुश्किल सा पल।।०१।।
रखते संशय कैसे हम, कहे लेखनी रहो सजग।
त्यागो चिंता तुम हरदम, तेरी हो पहचान अलग।।
कर्म निरंतर करना तुम, होना तुमको सदा सफल।
सभी यहाँ खुश होते कब, लगे कभी मुश्किल सा पल।।०२।।
रूठे कोई करें न गम, अपनी धुन में जाते रम।
यों तो वाणी मधुर सहज, अक्सर बोला करते हम।।
फिर भी रचना भेद हृदय, कह जाता है भाव सबल।
सभी यहाँ खुश होते कब, लगे कभी मुश्किल सा पल।।०३।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978
