मैं शिक्षक हूँ

Bimal-Kumar-Binod

मैं शिक्षक हूँ

मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ
नित नये भारत का निर्माण करता हूँ।
सुबह से शाम तक बच्चों के जीवन की बात सोंचता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।
बाहरी तामझाम से दूर मैं अपना काम करता हूँ।
बच्चों में नवयौवन,नवस्फूर्ति लाने का
काम करता है।
हर सुबह राष्ट्र के निर्माण के सलीके
तैयार करता हूँ।
राष्ट्र के कर्णधार के निर्माण की बात
करता हूँ।
युग के युवा को उनके कंधों पर रखने
का प्रयास करता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।
विद्यालय के अंदर तथा बाहर बच्चों की गतिविधि पर ध्यान रखता हूँ।
उनको सर्वगुण संपन्न बनाने का काम करता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ शिक्षा दान करता हूँ।
वर्ग कक्ष के अंदर बच्चों को सिखाने का काम करता हूँ।
श्याम पट्ट के पास खड़ा होकर घंटों
उसे समझाने का काम करता हूँ।
नौनिहालों को नैतिकता,संस्कार, आदर्श सिखाने का काम करता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।
शालीनता की मूर्ति बनकर,शिक्षक की तरह व्यवहार करता हूँ।
कल के भविष्य निर्माण के उत्तरदायित्व का बखूबी वहन करता हूँ।
शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।
सुन्दर,आकर्षक,संस्कारिक छवि की
पहचान बनाता हूँ।
समाज के प्रत्येक नागरिक के साथ
प्रेम का दीप जलाता हूँ।
समय-परिस्थिति की परवाह किये
बिना अपना कर्तव्य करता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।
घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ने के लिये प्रेरित करता हूँ,
समाज के लोगों के बीच शिक्षा का बखान करता हूँ।
सामाजिक समता की बातों से
उनका मनोबल का विकास करता हूँ
मैं शिक्षक हूँ शिक्षा दान करता हूँ।
विद्यालय मेरी कर्मस्थली है,
नये-नये सुन्दर,सुगंधित फूलों का
निर्माण करता हूँ।
युगद्रष्टा बनकर नये भारत के निर्माण की बात सोंचता हूँ।
बच्चों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा का विकास करता हूँ।
मैं शिक्षक हूँ शिक्षा दान करता हूँ।
राष्ट्र निर्माण की सोच लेकर नित्य अपना काम करता हूँ।
नौनिहालों के विकास को ही
अपना स्वाभिमान समझता हूँ।
शिक्षक बनकर अपने आप में अहोभाग्य समझता हूँ।
शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ।

श्री विमल कुमार”विनोद”

प्रभारी प्रधानाध्यापक

राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवार,

बाँका(बिहार)।

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