विश्व पितृ दिवस – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra Prasad Ravi

दुनिया के रिश्ते नाते,
जन्म से ही बन जाते,
पिता की जगह कोई, कभी न ले सकता।

देर शाम आते रोज,
सबकी उठाते बोझ,
पर मजबूत कंधा, कभी नहीं थकता।

दुसरे को दवा देते,
खुद दर्द सह लेते,
बच्चों के समक्ष कभी, कुछ नहीं कहता।

रात दिन काम करें,
कभी न आराम करें,
ईश्वर का रुप पिता, सारा जग कहता।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना

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