शहीदों को नमन है।
हँस रहा जिनसे चमन है।
प्राणों को आहुति देकर,
चल पड़े संकल्प लेकर,
राष्ट्रहित सबसे बड़ा हित,
हैं गए वो सीख देकर,
पूजता जिनको वतन है।
उन———।
आज वह नक्षत्र बनकर,
देखते होंगे वतन को,
आत्मा उल्लसित होकर,
तड़पाती होगी न मन को,
स्वर्ग से प्यारा वतन है।
उन———–।
शब्द बनकर जो अमर हैं,
गीत बन लब पर हैं आए,
वीरता की वो कहानी,
सुनो स्वरा तुमको सुनाए,
गूँजता जिनसे गगन है।
उन————।
डॉ. स्वराक्षी स्वरा
मध्य विद्यालय हनुमान नगर, बेलदौर
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