हिंदी : हमारी अस्मिता – अविनाश कुमार

हिन्द देश के हिंदी हैं हम,

हिंदी से है पहचान हमारी।

रक्त बहे या लहू बहे, बस हिंदी है अस्मिता हमारी 

यह देश की शान है, बैभव है 

मातृभूमि की कर्म है ये।

हिंदी से है हम विश्व जगत मे 

सारे जग को बांध रहे।

आओ लें संकल्प सभी हम,

हिंदी का मान बढ़ाएंगे।

ज़ब तक है तन मे लहू का कतरा,

हिंदी से हिन्द कहलायेंगे।

सारा जग यह मान रहा,

हैं विश्व गुरु की राह पर हम ।

 

धन्यवाद 

 

 

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