हिंद देश है सबसे प्यारा

Devkant

हिंद देश है सबसे प्यारा

हिंद देश से लगन लगाओ, यह तो सबसे प्यारा है
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।

इस वसुधा पर सदा देवगण, आने को ललचाते हैं।
मातृभूमि की बात निराली, ये सबको बतलाते हैं।
सरस वचन से ऋषि मुनियों ने, जनमानस को तारा है।
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।।

ज्ञान जगत को देकर इसने, पुण्य कर्म दिखलाया है।
शून्य अंक का क्या महत्व है, सबको ही सिखलाया है।।
ज्ञान किरण अनुपम बिखराकर, तम से हमें उबारा है।
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।।

हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चे राम कहाते हैं।
पूजी जाती यहांँ गाय है, पंछी प्यार सिखाते हैं।।
हिंद देश की पावन संस्कृति, बहे प्रेम की धारा है।।
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।।

सदा शान में अडिग हिमालय, होना निडर बताता है।
मनभावन निर्मल गंगा जल, जन का पाप मिटाता है।।
समता भाव विशिष्ट यहाँ का, जाने यह जग सारा है।।
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।।

वीर पुरुष की सुन्दर धरती, इनकी अमर कहानी है।
आजादी पाने की खातिर, इनकी मिटी जवानी है।।
हिन्दुस्तान हमारा जगत में, सब देशों से न्यारा है।
धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
भागलपुर, बिहार

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