नफरतों का गुबार मिट जाए न हो तकरार होली में,
प्रेम के सुंदर फूल खिल जाएँ हो इकरार होली में।
धरा हो रंगीन, अम्बर भी लगता हसीन,
रंगीन हो सारे नजारे खुशियाँ निसार होली में।
अमीरी-गरीबी के बीच दिखती है खाई,
वो खाई प्रेम से भर जाए देखो यार होली में।
ढोल ताशे के संग-संग बजता रहे मृदङ्ग,
थिरकता तन और मन इस बार होली में।
फाग की मस्ती है छाई देखो प्यारी अमराई,
रंगीन प्रकृति नजारे दिखे बेशुमार होली में।
रंगों से पुते चेहरे कौन काले कौन गोरे,
रंगों के भेद मिट जाए हर बार होली में।
रंग प्रेम और विश्वास का चलो हम लगाएँ,
हर होठों पर मुस्कान सजे बार बार होली में।
रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ,गुठनी
सिवान, बिहार
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