मैं देश नहीं लूटने दूँगा-कुमकुम कुमारी

मैं देश नहीं लूटने दूँगा मैं देश नहीं लूटने दूँगा, मैं देश नहीं मिटने दूँगा। चाहे जान जाए तो जाय, पर तिरंगे को नहीं झुकने दूँगा। मैं देश ………………….. इस…

तेरी ही तो अक्स हूँ माँ-अपराजिता कुमारी

तेरी ही तो अक्स हूँ माँ जननी, जीवनदायिनी माँ धैर्य धरा सी, अटल पर्वत सी सामर्थ सागर सा, तुझ में, माँ सृजन, सहन, क्षमा, दया करुणा, ममता, त्याग की प्रतिमूर्ति,…

दहेज-निधि चौधरी

दहेज दहेज की अग्नि में जलते पिता की, सुनाने हूँ आई कहानी सिसकती। पिता बिटिया की हो गई है पक्की सगाई, कि लाखों में’ हमने खरीदी जमाई। थी खेती पुरानी…

मुनिया-निधि चौधरी

मुनिया पढ़ेगी मुनिया बढ़ेगी मुनिया, जग को रौशन करेगी मुनिया। घरों की है लक्ष्मी, सहेजो सँवारो, सफलता की सीढ़ी चढ़ेगी मुनिया। ज़रा-सी उड़ानें भरे जो ज़माना, परिंदों-सी फिर तो उड़ेगी…

बालक मन-एकलव्य

बालक मन गिरता है गिरने भी दो उतरता है उतरने दो, रोको मत! क्या पता झरना बनकर नदियों का उद्गम कहलाए। बहता है बहनें भी दो नदियां बन जीने भी…

राष्ट्रप्रेम की भावना-प्रियंका कुमारी

राष्ट्रप्रेम की भावना राष्ट्रप्रेम की भावना केवल युद्ध भूमि में ही नहीं होनी चाहिए, इसकी शुरुआत हमें अपने नेक इरादों से करनी चाहिए, ना भेदभाव हो, ना कोई जाति-धर्म का…

ये मेरा घर-मनु कुमारी

ये मेरा घर कितना प्यारा, ये मेरा घर, रहते यहाँ हम, हिलमिल कर। कितना सुन्दर, कितना मनहर, है अपना, ये मेरा घर। मम्मी-पापा, दादा-दादी, भाई-बहन, और चाचा-चाची। सब मिल रहते…