अनुराग सवैया – राम किशोर पाठक
गणेश महेश सुरेश दिनेश पुकार करूँ नित आस लगाएँ।
विकार सुधार विचार प्रचार निखार रहा निज दोष गिनाएँ।।
अबोध सदा यह बालक है प्रभु आप कृपा करके अब आएँ।
भजे नित ध्यान लगाकर के प्रभु आप हमें कुछ ज्ञान दिलाएँ।।०१।।
अलाप विलाप प्रलाप करे नित छंद रचे कुछ भाव जगाएँ।
सदा रत शिल्प विधान रहा पर छंद नहीं रचना कर पाएँ।।
करो प्रभु दान दया इतना हम शिल्प सुसज्जित शब्द सजाएँ।
जगे उर में कुछ भाव यहाँ हर अंतस पाठक प्यार जताएँ।।०२।।
प्रवाह करें सबमें शुचिता समता रख सुंदर फूल खिलाएँ।
उदास यहाँ अब हो नहीं हमसे कविता रस स्नान कराएँ।।
अयोग्य सुयोग्य बने जिससे रचना रचके हम नित्य दिखाएँ।
गुमान रहे निज भान सदा प्रभुता रख ईश्वर मान बढ़ाएँ।।०३।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
