बैलगाड़ी हाँकते – एस.के.पूनम

विधा:-मनहरण घनाक्षरी कड़कड़ाती ठंड है, प्रकाश की तलाश है, सूरज की प्रतीक्षा में,प्राची दिशा झाँकते। पक्षियों का कलरव, शबनम चमकती, कोहरे का पहरा है,बैठ आग सेकते। अन्नादाता खेत पर, फलियां…

लोहड़ी पर्व – मनु रमण चेतना

लोहड़ी आई!लोहड़ी आई। सबके मन में उमंग है छाई। सुख समृद्धि संग लेकर आती। सबको प्रेम से गले लगाती। पुराने फसल हैं काटे जाते । साथ नये फिर बोये जाते।…

स्वामी विवेकानंद – मनु रमण चेतना

स्वामी जी ने कर दिया,जग में ऐसा काम।। पर्वत से ऊँचा हुआ, फिर भारत का नाम।। राम कृष्ण गुरुदेव के ,पद पंकज सिरधार।। अमेरिका वह चल दिए, करने धर्म प्रचार।।…

नारी क्यों मजबूर हुई – नीतू रानी

नारी क्यों मजबूर हुई जब उसपर अत्याचार क्रूर हुई, तभी नारी मजबूर हुई। नारी पर पुरुषों का बज्र प्रहार, नारी खाती रही पुरुषों की मार। नारी पर बदनामी की दाग,…

सबसे मधुर वाणी – मीरा सिंह “मीरा”

विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक मौलिक, स्वरचित रचना प्रेषित है आओ बच्चों तुम्हें बताएं सबसे मधुर वाणी है कौन। सबके दिल पर करे हुकूमत सुनो बच्चों…

हे सरकारी विद्यालय – अंजली कुमारी

हे सरकारी विद्यालय के नौनिहाल सुनो,। मिशन दक्ष में शामिल हे बिहार के लाल सुनो। शिक्षा के टूटी कड़ियों को तुम्हें पुनः मिलाना है,। आगे बढ़ चुके सहपाठियों के समकक्ष…

शिक्षा से जग होगा उजियार – मनु रमण “चेतना”

कलम उठाई है मैंने, अब हूं लिखने को तैयार। सत्य स्याह से खूब लिखूंगी, झूठ कपट पर कर प्रहार। ईर्ष्या , नफरत, घृणा द्वेष सब, यूं जायेंगे अब तो हार।…

मन की बात – रत्नेश पण्डित पाण्डेय

बड़े दिनों बाद वह, घर अपने वापस आया बेटी के लिए कुछ गुड्डे-गुड़िए, बेटे को किताबें लाया। बच्चों में कैसा कौतूहल होगा, सोचा और मुस्काया, बड़े दिनों बाद वह, जब…

आया जनवरी –

आया जनवरी छाया कुहासा, फूलने लगा है मेरा स्वांसा । आया फरवरी फेके रजाई, धूप में बैठकर ले रहे जम्हाई। मार्च आया होली आई, बच्चों में खुशियाली छाई। अप्रैल में…