यूं ही ना कहते हम देवों के देव महादेव कर्म पथ पर हर पल अग्रसर, विराम का ना कोई चिंतन, भूतल, वन या हिम शिखर, कदम ना रुके कहीं पे…
Author: Anupama Priyadarshini
हमारी बेटियाँ -विवेक कुमार
माँ बनकर मुझे जन्म दिया, बहन बनकर किया दुलार | जब भी आई मुसीबत मेरे, पत्नी बन किया उद्धार। सुबह की किरणों जैसी बेटी, ताजगी देती तन- मन को |…
कपटी नज़र – जयकृष्णा पासवान
जिस मूरत को ज्ञान दिया , वो जग में है नाम किया। उसी पेड़ की डाली बनकर, वृक्षों का अपमान किया।। क्षमा दान कर फिर भी सहते, अपने ड्यूटी पर…
बंधन-.सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
आराधना कर ले- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या-मनहरण घनाक्षरी 💐(आराधना कर ले)💐 राधे बोल राधे बोल, कृष्ण बोल कृष्ण बोल, रोज भज राधा-कृष्ण,सुमिरन कर ले। नाम जप तप कर, ध्यान किया दु:ख हर, धरा पर…
शहीद तुझे सलाम- नीतू रानी” निवेदिता”
नमन मंच 🙏🙏🙏 विषय-पुलवामा हमला शीर्षक-शहीद तुझे सलाम। शहीद तुझे सलाम धन्य हे ईश्वर दिया उन शहीदों को अपने हृदय में उन्हें स्थान, जो चौदह फरवरी को पुलवामा में दिया…
उचित समय- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद पेड़ पौधे झुक जाते, जलधारा रुक जाते, जड़ पे असर होता, विनती विनय के। ईश में विश्वास करें हमेशा प्रयास करें, प्रार्थना भजन करें, पवन तनय के।…
इम्तिहान का अंतिम पंच- विवेक कुमार
टेंशन वेंशन भूल जा, अपने आप पर कॉन्फिडेंस ला, नए का, कुछ ना कर तू प्रयोग, कर बीते समय की तैयारी का उपयोग, घबड़ाना नहीं, डगमगाना नहीं, अपने आप पर…
कुंडल- सुधीर कुमार
छंद – कुंडल मात्रा — 22 वर्ण —- 14 यति – 12 , 10 अंत — 2 ,2 2121 2121 , 2121 22 रोग हैं दहेज एक , जान लो…
श्रीहरि- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
श्रीराम मेरे भगवान मेरे, नित-नित मैं जपूँ बस नाम तेरे। काशी में रहूँ या रहूँ मैं कहीं, प्रभु आप रहें स्मरण में मेरे।। असुरों ने जब अत्याचार किया, धर्म-कर्म को…