स्तनपान है अमृतपान शिशु जन्म के फौरन बाद कराएं सभी मां स्तनपान मां का दूध है अमृत समान रहता जीवन भर अभिमान। मां का दूध जीवन की धारा निर्भर इस…
Author: शुकदेव पाठक
प्रभु वंदना-शुकदेव पाठक
प्रभु वंदना हे प्रभु! आप स्वयं परब्रह्म न है आपका आदि न अंत आप आवरण रहित अद्वितीय उत्पत्ति, स्थिति, रक्षा, प्रलय। आप सभी प्राणियों में स्थित ब्रह्मवेतर करते उपासना…
मानसून–शुकदेव पाठक
मानसून बच्चों, आओ हम जानें मानसून के बारे में हिंद तथा अरब सागर की ओर से जो हवाएं आती भारत के दक्षिण पश्चिम तट से टकराती, वर्षा कराती है…
अपना गांव तथा बचपन–शुकदेव पाठक
अपना गांव तथा बचपन अपना गांव लगता बड़ा प्यारा गुजरा यहां है बचपन हमारा गांव के अपने चाचा–ताऊ खुश होते देख भाई–भाऊ। गांव का वातावरण होता ऐसा रहते साथ…
मासिक धर्म: नारी वजूद–शुकदेव पाठक
मासिक धर्म: नारी वजूद मासिक धर्म आन है बान है नारी का शान व सम्मान है यह चिन्ह है पूर्ण नारीत्व का और नारी के अस्तित्व का यौनावस्था की है…
प्रार्थना कोराेना से उद्धार–शुकदेव पाठक
प्रार्थनाकोरोना से उद्धार हे प्रभु! जगतपिता इस प्रलय से उबार दे तू फिर से जग को संवार दे तू। मानवता पर छाई अंधियारी नहीं रहा कोई भी पतवारी नौका मझधार…