हेलो अक्टूबर : मेरे बगीचे से : बाल कविता अक्टूबर आया लेकर मौसम सुहाना सा, सूरज मृदु , नभ नीला शांत सा । मेरे बगीचे में खिले हैं तरह तरह…
Author: Dr Snehlata Dwivedi
चरणों की भक्ति -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
चरणों की भक्ति रूप घनाक्षरी छंद दानवों का दुनिया में अत्याचार बढ़ा जब, धरा की पुकार सुन, लिया तब अवतार। यशोदा मांँ के प्यार में, राधा के मनुहार में, नंद…
दीप जलाना कर्म है रामकिशोर पाठक
दीप जलाना कर्म है – दोहा छंद गीत तिमिर घना कितना यहाँ, इसका करें न ध्यान। दीप जलाना कर्म है, करिए तो श्रीमान।। शक्ति अँधेरे में कहाँ, टिके दीप के…
मतदान -नीतू रानी
-मतदान। आने वाला है इलेक्शन। कुछ दिन बाद है इलेक्शन आने वाले, लोग मिलेंगे तुमको बहलाने -फुसलाने वाले। जो करते थे पहले तुमसे लड़ाई और झगड़े, वही आएगा तेरे घर…
मिसाइल मैन -राम किशोर पाठक
मिसाइल मैन – महामंगला छंद (विश्व विद्यार्थी दिवस) करिए उनको नमन, जो भारत की शान। मैन मिसाइल अबुल, विश्व लिया यह जान।। था स्वभाव भी मृदुल, भरा हुआ था ज्ञान।…
कैकेई का त्याग – विधाता छंद गीत – राम किशोर पाठक
कैकेई का त्याग- विधाता छंद गीत जगत कल्याण के कारण, किया विष पान त्रिपुरारी। पुनः दुनिया बचाने को, किया है त्याग निज नारी।। निभायी राष्ट्र से नाता, लुटायी स्वप्न थी…
चलो हाथ धोते हैं अवधेश कुमार
चलो हाथ धोते हैं । एक दिन हाथ बोले । चलो आज नया काम करते हैं, गंदगी से दोस्ती तोड़ते हैं, साबुन-पानी संग हाथ धोते हैं। उंगलियाँ हँसकर बोलीं ,…
गजल एक प्रयास- राम किशोर पाठक
गजल एक प्रयास चलो अब आज हम सीखें कहा कैसे गजल यारों। जिसे उर्दू गजल कहता वही हिंदी सजल यारों।। कहा कोई अजल इसको बिना सिर पैर सा देखो। मगर…
गीदड़ तब शोर मचाएगा – रामपाल प्रसाद सिंह
गीदड़ तब शोर मचाएगा… निज शेर पाॅंव पीछे खींचे। निज ऑंखों को करके नीचे।। तब बुरा समझ कहलाएगा गीदड़ तब शोर मचाएगा मौसम छाया कई दिनों से। चल रहे हैं…
हे हरि क्लेश हरो -रामपाल प्रसाद सिंह
हे हरि! क्लेश हरो। विधा गीत। मेरे पीछे पड़ा जगत है,कर दो मालिक मदद जरा। सूख रहे जीवन उपवन को,हे हरि!कर दो हरा-भरा।। देना है तो दे दो मुझको,हमको तुम…