हे शैलसुता! हे पर्वतराज हिमाद्रि जना, हे भवभय तारिणी बृषवाहना। हे कल्याणी सती सत्य शिवा , प्रणमामि त्वयं हे शैलसुता। हे श्वेताम्बरा हे प्रेम सुधा, हे तप जप ज्ञान की…
Author: Dr Snehlata Dwivedi
मैया आओ -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
मैया आओ 🙏🌹 मैया मोरी आओ ना , घर में आ रह जाओ ना। मन में बस जा तू मोरी मैया , भक्ति दीप जलाओ ना। मैया मोरी आओ ना…
है मान बाकी राम किशोर पाठक
है मान बाकी – शिखंडिनी छंद किसे हम कहें, बातें पुरानी। रहा कुछ नहीं, बाकी कहानी।। जिन्हें सुबह से, ढूँढा जमाना। बना अब रहे, ढेरों बहाना।। नहीं समझते जो मौन…
अब भी यूं रुका क्यों है -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
तू अब भी यूँ रुका क्यूँ है? गुलाब कांटों से यूँ लगा क्यूँ है ? जिंदगी तेरा ये फ़लसफ़ा क्यूँ है? जो मुस्कराते हो शबनम की तरह, पलकों का रंग…
महामानव -जैनेंद्र प्रसाद
महामानव पाकर भी ऊँचा पद- मिलता नहीं है यश, कई ऐसे गुमनाम, होते हैं यहांँ इंसान। घर से निकल कर- अपने ही बल पर, कुछ लोग दुनिया में, बनाते हैं…
यह देश है उन मतवालों का -बिंदु अग्रवाल
यह देश है उन मतवालों का यह देश है उन रखवालों का आजादी के मातवालों का, रखने को शान तिरंगे की जिन लोगों ने जान गवांई है। कोड़े खाए नंगे…
कर्मठ संस्कारी बच्चे -जैनेंद्र प्रसाद
कर्मठ संस्कारी बच्चे बाल सृजन रूप घनाक्षरी छंद में कर्मठ संस्कारी बच्चे, कहलाते हैं वे अच्छे, सबसे अलग निज, बनाते हैं पहचान। सुबह सवेरे जाग- व्यायाम करते जो, पौष्टिक आहार…
वो भाषा हिंदी है -स्मृति कुमारी
वो भाषा हिंदी है। सरल ,सहज और मधुर है कोमलता से जो भरपूर, वो भाषा हिंदी है। अधिकारिक राजभाषा भारत की लिपि जिसकी देवनागरी, वो भाषा हिंदी है। है देश…
मन का हारा जाए कहां -अमृता कुमारी
मन का हारा जाए कहां! मन का हारा जाए कहां आज हर कोई है आत्ममग्न अपने दिल की सुनाए कहां !! माना की भीड़ भरी इस दुनिया में लोगों को…
हिंदी दिवस रामपाल प्रसाद सिंह
हिंदी दिवस शिखर हिमालय से भी ऊॅंचा, हिंदी तुमको पाऊॅं मैं। तभी कहाऊॅं हिंदी भाषी, गुरुता जग समझाऊॅं मैं।। वेद पुराणों की परिभाषा, सरल बनाने तू आई। पूर्वज का इतिहास…