हिंदी दिवस – रुचिका

कभी इनकार में कभी इकरार में कभी डाँट में कभी फटकार में कभी प्यार में कभी मनुहार में कभी जज़्बातों के ढेरों गुबार में हिंदी हर घड़ी हमारे साथ है।…

हिंदी -स्नेहलता द्विवेदी

हिंदी! संस्कृत की जाई, देवनागरी लिखाई, स्वर व्यंजन वर्ण, सब से बन है पाई। हिंदी ! सुपाठ्य और सुलेख्य, कुछ भी नहीं अतिरेक। जैसी दिखती, वैसी होती, बोलना लिखना सब…

हिंदी दिवस -हर्ष नारायण दास

हिन्दी दिवस हिन्दी के बिन्दी को मस्तक पर सजा के रखना है। सर आँखों पे बिठाएंगे,यह भारत माँ का गहना है।। हिन्दी मेरा ईमान है, हिन्दी मेरी पहचान है। हिन्दी…

दुर्लभ गुरु ज्ञान – जैनेंद्र प्रसाद रवि

दुर्लभ गुरु ज्ञान है मित्र-पुत्र माता-पिता- मिलते हैं सौभाग्य से, गुरु तो साक्षात कृष्ण, राम के समान हैं। हजारों जन्मों का पुण्य- जब फलीभूत होता, गुरु की कृपा से होता,…

गुरु से विनय – राम किशोर पाठक

गुरु से विनय- किशोर छंद गीत हम-सब छोटे बालक पढ़ने, आएँ हैं। गुरुवर लाख बुराई हममें, पाएँ हैं।। सारे छोड़े काम अधूरा, जाने दें। पुलकित रहता हृदय हमारा, गाने दें।।…

स्वास्थ्य रक्षा -राम किशोर पाठक

स्वास्थ्य रक्षा – सरसी छंद स्वास्थ्य हमारा सही रहे तो, रहती है मुस्कान। काम समय से होता रहता, मिलती नव पहचान।। इसकी रक्षा धर्म हमारा, ले हम इतना जान। मनोभाव…

मित्र की मित्रता राम बाबू राम

मित्र की मित्रता मित्र की मित्रता है सबसे प्यारी, मित्र है तो जग न्यारी। मित्र है तो खुशियां सारी, मित्र है तो सुंदरता हमारी। मित्र है सुख-दुख का साथी, मित्र…