हिंदी दिवस 14 सितंबर पर “अ से ज्ञ की कहानी” अ से अनार, आ से आम । हिंदी है भारत का अभिमान।। इ से इमली, ई से ईख। हिंदी पढ़ना,…
Category: बाल कविता
बाल सपने – सार्द्ध मनोरम छंद- राम किशोर पाठक
बाल सपने – सार्द्ध मनोरम छंद पाँव में पाजेब मनहर बाँध अपने। नाचते हैं श्याम बनकर बाल सपने।। देखकर नंगे कदम के दाँव प्यारे। झूमता है मन मयूरा भी हमारे।।…
आओ, हम सब खेलें भाई- विजय शंकर ठाकुर
– आओ हम सब खेलें भाई – आओ, हम सब खेलें भाई, अब तो खेल की घंटी आई। भाई आओ, बहाना आओ, खेल सामग्रियों को भी लाओ, उछल कूद है,…
सपने को साकार करें हम – अमरनाथ त्रिवेदी
सपने को साकार करें हम गलत बातों में कभी नहीं पड़ेंगे, अपने सपने को साकार करेंगे । हर पल चिता छोड़ हम चिंतन को ध्याएँ , हर मुश्किल से चिंतन…
बचपन अपना – प्रहरणकलिका छंद – राम किशोर पाठक
बचपन अपना – प्रहरणकलिका छंद हरपल सबसे मिलकर कहते। हम-सब अपने बनकर रहते।। बरबस कुछ भी कब हम करते। सुरभित तन से मन सब हरते।। बचपन अपना अभिनय करता। बरबस…
आओ वृक्ष, लता को जानें- अमरनाथ त्रिवेदी
आओ वृक्ष, लता को जानें आओ बच्चों तुम्हे पहचान कराएँ , वृक्ष , लता आदि का ज्ञान कराएँ । इनमें सभी सजीव ही होते , ये वनस्पति के रूप दिखाए…
हमें तरु-मित्र बनना होगा- राम किशोर पाठक
हमें तरु-मित्र बनना होगा नया सोपान गढ़ना होगा। हमें तरु-मित्र बनना होगा।। दादा के रोपें पेड़ों से, हमने है कितने काम लिए। ठंडी छाँव संग फल खाकर, झूला भी हम-सब…
खुशी-खुशी हम पढ़ने जाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
खुशी खुशी हम पढ़ने जाएँ खुशी खुशी हम पढ़ने जाएँ, ध्यान से हम सब ज्ञान भी पाएँ। टोली बनाकर स्कूल को जाएँ, पढ़ने में मन खूब लगाएँ । शिक्षक की…
सच हो जाएँ सारे सपने – राम किशोर पाठक
सच हो जाएँ सारे सपने मुस्कान सजाकर होंठों पर, हरपल को जीना हम सीखें। आओं अपने कर्मों से अब, हम-सब अपनी किस्मत लिखें।। कुछ सीख पुरानी भी लेना है, कुछ…
आओ बच्चों खेलें खेल – अमरनाथ त्रिवेदी
आओ बच्चों खेलें खेल आओ बच्चों खेलें खेल , सब बच्चों से कर लें मेल । खेलकूद हमेशा संयम से खेलें , कभी न इसमें करें झमेले ।…