पत्रकार सुबह सबेरे दरवाजे पर आता है अखबार, इस अखबार में संवाद देने वाले का नाम पत्रकार पत्रकार पत्रकार पत्रकार। अगर कहीं कुछ होता है तो जल्दी कोई न पहुँचता,…
Category: दिवस
मेरी लेखनी – भूषण छंद गीत – राम किशोर पाठक
मेरी लेखनी – भूषण छंद आधारित गीत उठा लेखनी लिखते हम, सदा सत्य को करें प्रबल। सभी यहाँ खुश होते कब, लगे कभी मुश्किल सा पल।। झूठ परोसें कहीं अगर,…
मैं पत्रकार हूॅं – मनु कुमारी
मैं पत्रकार हूँ मैं पत्रकार हूँ, मैं जनतंत्र की आवाज, लोकतंत्र का साज हूँ। मैं पत्रकार हूँ। कलम हमारी ताकत है,कलम हमारी जान है। कलम से हीं विश्व भर में…
हिंदी की पत्रकारिता – सुरेश कुमार ‘गौरव’
हिन्दी की पत्रकारिता हिन्दी की पत्रकारिता, सत्य हेतु तैयार, हर परिवर्तन की छवि, देती सच्चा सार। जनमन की अभिव्यक्ति का, बनती है आधार, नीति, धर्म, संवाद में, करती नव उपकार।…
नारीत्व का सुख
नारीत्व का सुख हर महीने जो आती है रीत। उसे समझो न कोई बुरी प्रीत।। चाँद से जुड़ी इसकी चाल। फिर क्यों बने ये तानो के जाल।। जिससे जन्म लेता…
रोकती बीमारियाँ – मनहरण घनाक्षरी
रोकती बीमारियाँ।- मनहरण घनाक्षरी उम्र किशोरी का आया, सौगात नयी है लाया, अंग-अंग है मुस्काया, बढ़ी जिम्मेदारियाँ। प्रजनन की तैयारी, शुरू हुई माहवारी, सहती है दर्द भारी, सदा सभी नारियाँ।…
माहवारी औरतों के लिए ईश्वरीय वरदान – नीतू रानी
माहवारी औरतों के लिए ईश्वरीय वरदान। माहवारी ईश्वर ने दिया औरतों को यह वरदान। जिससे हर घर में खेल रहा है सुंदर प्यारा शिशु संतान।। जो महिला को ईश्वर ने…
मैं हूॅं माहवारी – मनु कुमारी
मैं हूँ माहवारी! मैं हूँ ईश्वर का वरदान । मैं बढ़ाती हूँ नारी का मान।। संतान सुख का मैं राह बनाती। माँ बनने का सौभाग्य दिलाती।। मैं न हूॅं अभिशाप…
रक्त की रेखा – अरुण कुमार तिवारी
“रक्त की रेखा” हर माह वो सहती है, चुपचाप सी पीड़ा। न पेट कहे कुछ, न पीठ की धारा धीमा। कमर झुकती जाती है, मन भी भारी होता। फिर भी…
पकड़े उन्हें न बीमारी – लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक
पकड़े उन्हें न बीमारी – लावणी छंद गीत आओं समझे हम नारी को, जिनकी महिमा है भारी। सृजन हमारा जिनसे होता, पकड़े उन्हें न बीमारी।। इनकी जैविक संरचना है, अलग-अलग…