विनती करूँ मैं भगवन विनती करूँ मैं भगवन , तुम अपना मुझे बना लो । हर अज्ञानता के पगोंं से , तुम मुझे बचा लो ।। जीवन दिए हो…
Category: बाल कविता
बच्चों का स्वागत – मृत्युंजय कुमार
बच्चों का स्वागत ग्रीष्मावकाश बाद स्कूल खुले हैं। बच्चे घर से बस्ता लेकर स्कूल चले हैं।। बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। स्कूल पहुंँचने पर शिक्षकों ने खुशी जताई।।…
आज से स्कूल है जाना – सखी छंद – राम किशोर पाठक
आज से स्कूल है जाना – सखी छंद पाकर पावस की बूँदें। है कहती अखियाँ मूंँदें।। प्रेमा चाह रही सोना। देर रुकें तो क्या होना।। मौसम खूब लगे प्यारा। गर्मी…
देशी खाना – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
देशी खाना- बाल कविता छोड़ो बच्चों स्प्राइट माजा, आम लाओ मीठा व ताजा। पिज़्ज़ा-बर्गर-नूडल त्यागो, खाओ खूब रोटी और दाल।। जो खाते हैं मैगी-तंदूरी, तली चपाती, पानी-पुरी। जवानी में ही…
पुस्तक है हम सबका साथी- अमरनाथ त्रिवेदी
पुस्तक है हम सबका साथी पुस्तक है हम सबका साथी , ज्ञान विज्ञान की है यह बाती । नया सवेरा हमें है लाना , पुस्तक से नित ज्ञान है…
मौसम गर्मी वाला आया-चौपाई छंद – राम किशोर पाठक
मौसम गर्मी वाला आया- चौपाई छंद – बाल कविता बिटिया रानी सुनो कहानी। दुनिया करती है नादानी।। कभी न करना तुम मनमानी। जिससे बढ़े कुछ परेशानी।। मौसम गर्मी वाला आया।…
उमड़- घुमड़ कर बरसो बादल – अमरनाथ त्रिवेदी
उमड़- घुमड़ कर बरसो बादल केवल बादल नहीं बरसात भी हो , प्रचंड गर्मी पर आघात भी हो । कुछ हवा चले खूब पानी हो , इसमें हम बच्चों की…
कोयल – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
कोयल कोयल भोली भाली है, बोली बहुत निराली है। श्याम सलोनी प्यारी है, धुन तेरी मतवाली है। तेरी बोली सुनने को, मन अधीर हो जाता है। नही सुनूँ जो तुमको…
गर्मी छुट्टी मना रही हूॅं – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘
गर्मी छुट्टी मना रही हूॅं। इतनी है आसान पढ़ाई, कर लो माते बड़ी भलाई, संग ककहरा आकर सीखो, सीखी नहीं त बोलो न। बचे समय मुख खोलो न।। जब बैठी…
गौ माता को हम-सब जानें – राम किशोर पाठक
गौ माता को हम-सब जानें – बाल कविता दुग्ध, क्षीर, पय, गोरस लाना। स्तन्य, पीयूष, दोहज जाना।। सुधा, सोम हीं सुर को भाए। देवाहार यही कहलाए।। जीवनोदक, अमृत भी कहते।…