बचपन – प्रीति कुमारी

जीवन का वह स्वर्णिम क्षण, जो था नन्हा- मुन्ना बचपन । उस बचपन की कुछ यादें हैं, कुछ प्यारे-प्यारे वादे हैं । जो की थीं हमनें पेड़ों संग, गौरैयों संग,गुब्बारों…

पढ़ाई -दीपा वर्मा

दुहाई है दुहाई हाय ये पढ़ाई । कभी नन को नही भाए यह जालिम पढ़ाई । मम्मी कहती..पापा कहते दादी कहती..दादा कहते समी कहते, पढो पढ़ो। खेलकूद हो गया मुश्किल…

बाल घनाक्षरी -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बच्चे करें भागदौड़, जैसे होता घोड़ा दौड़, कोई कीत-कीत कोई, खेलता कबड्डी है। किसी की कमीज ढ़ीली, नया जूता पैंट नीली, कोई पेन्हें कोट-शर्ट, कोई पेन्हें चड्डी है। बिना चक्का…

दीपावली का संदेश – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

दीपावली का संदेश ****** बच्चों अबकी दीवाली में फुलझड़ियों से मुंह मोड़ो। दुनिया की भलाई के खातिर तुम पटाखा मत छोड़ो।। पटाखों से प्रदूषण बढ़ता, होती पैसे की बर्बादी, तुम…