कुछ शरारतें और नादानी याद जाती अपनी शैतानी, कभी सोचकर शर्म के मारे आ जाता आंखों में पानी। धमाचौकड़ी खूब थे करते गिरने पर आहें थे भरते, भैया,पापा,चाचा के अलावे…
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बाल कविता – डॉ स्वराक्षी स्वरा
नहीं खानी है रोटी-सब्जी मम्मी पीजा ला दो न मारे गर्मी बदन जल रहा पेप्सी भी मंगवा लो न ।। अच्छा आर्डर बर्गर कर दो या फिर कर दो मोमोज…
चल मुनिया-मीरा सिंह “मीरा”
तुझमें हिम्मत बल मुनिया। चल आगे बढ़ चल मुनिया। देखेगी दुनिया सारी तुझमें कितना बल मुनिया।। अवरोधों से मत घबरा तूफानों से लड़ मुनिया। दीपक बनकर तू जलना रोशन होगा…
कबाड़ से जुगाड़- विवेक कुमार
बच्चों की आस हूं, रहता उनके पास हूं, सीखने सिखाने में उस्ताद हूं, हर पल देता उनको दाद हूं, देश के भविष्य है हमारे बच्चे, प्रतिभा निखारने में हम है…
मिट्टी का खिलौना- जयकृष्णा पासवान
मैं मिट्टी हूं मगर एक आकार का प्यासा हूँ। कोमल हाथों से एक आकृति प्रदान कर दीजिए।। मैं इस उपकार को ताउम्र तक निहारता रहूंगा।। मैं तो फिजाओं का एक…
सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव
वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…
पंछी – चांदनी समर
रोको ना मुझे टोको ना मुझे, पंछी को पर फैलाने दो है आज़ादी का स्वप्न मेरा, मुझे पंख खोल उड़ जाने दो तिनके चुन रखे हैं सपनों के, मैंने परों…
मछली रानी- ब्यूटी कुमारी
मछली रानी बड़ी सयानी मत कर तू मनमानी। कितने सुंदर शल्क हैं तेरे कोमल तन को ढकता। गिल्स से सांस लेती हो तुम प्यारी प्यारी आंखें तेरी। कभी पानी के…
आलू की असलियत कि इंसानी फितरत- नवाब मंजूर
( भोजपुरी तड़का ) आलू जवन लाल हो जाला कमाल हो जाला एकदमे गुलाल हो जाला फूल के गुलाब हो जाला सबका ईहे# सोहाला! उजरका ना भा#ला का त# ई…
बाल मन- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बिस्किट मिठाई केक, नौनिहालों को भाते हैं, जहाँ हों खिलौने-टॉफी, आंखें उसी ओर हैं। कोई भी मौसम रहे, खुशियों की बाँह गहें, गली से चौबारे गूंजे, बच्चों की ही शोर…