गर्मी की छुट्टी है आई गर्मी की छुट्टी है आई। नानी मुझको अभी बुलाई।। मामा जी की होगी शादी। बात सही कहती है दादी।। नयी-नयी कपड़ों को लेना। जिसे पहनकर…
Category: बाल कविता
माँ भारती की शान बढाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
माँ भारती की शान बढ़ायें हम सब बच्चे मिलकर गायें , माँ भारती की शान बढ़ायें। सुसंस्कारों को मन में भर लें , जीवन सुफल नित्य हम कर लें ।…
शिक्षा का महत्व – मृत्युंजय कुमार
शिक्षा का महत्व मम्मी-पापा ने स्कूल में नाम लिखवाया। कंधे पर बस्ता टंगवाया।। घर से चले स्कूल छोड़ने। शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने।। स्कूल में पढ़ाई करना है। शिक्षा के…
गर्मी की छुट्टी का आनंद – अमरनाथ त्रिवेदी
गर्मी की छुट्टी का आनंद हुई हर वर्ष गर्मी की छुट्टी, इस बार भी वही हुई । हम बच्चों के लिए खुशखबरी , दिल को इस बार अधिक छुई ।।…
उड़ान – रुचिका
उड़ान बच्चों तुम हो देश की जान, बनाओ अपनी विशेष पहचान, सीमाओं में मत बंधो तुम, हो तुम्हारी उन्मुक्त उड़ान। अक्षर-अक्षर से शब्द बनाओ, शब्द को वाक्य में सजाओ, हर…
खुद पढ़कर तू मुझे पढ़ाना – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
खुद पढ़कर तू मुझे पढ़ाना। काले तेरे केस निराले, जामुन जैसे काले-काले, फिर से नाम लिखालो दादू, नंबर एक मिलेगा खाना। खुद पढ़कर तू मुझे पढ़ाना।। पहले पहले साथ चलोगे,…
बच्चों की चाह – बिंदु अग्रवाल
बच्चों की चाह हम फूल हैं नन्हीं बगिया के, हमसे ही दुनिया महकेगी। विद्यालय जाएँगे जब हम, शिक्षा की ज्योति चमकेगी।। जो ठाना है हमने मन में , हम वह…
महासागर – बाल कविता – राम किशोर पाठक
महासागर आओ बच्चों तुम्हें बताएँ। बात पुरानी याद दिलाएँ।। सात समंदर कहती नानी। दूर देश की कथा सुहानी।। आओ जाने हम सच्चाई। नानी कहती यह क्यों भाई।। जल का विशाल…
निहारे जा रहा हूॅं मैं- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
निहारे जा रहा हूॅं मैं। फिर से चित्र बनाने को, फिर से इत्र सुॅंघाने को, लेकर खुशी के ढोल-,नगारे जा रहा हूॅं मैं। निहारे जा रहा हूॅं मैं। पुन: आदि…
क्या मैं अबोध हूॅं – राम किशोर पाठक
क्या मैं अबोध हूॅं। माँ सुनो तो, एक बात जरा, क्या मैं अबोध हूॅं ? पाँच वर्ष की हो गयी, बहुत कुछ समझने भी लगी हूँ, तुम्हारे साथ अक्सर हाथ…