जन्नत भी वही, जहाँ भी उसी से, पूछो दिल से राज, हर दिल के आईने से। किस रूप में उसे देखूँ, हर रूप में समाए, जीवन है उसी से, वह हर…
Category: संदेश
प्रेम की पराकाष्ठा- अवनीश कुमार
एक आहट जैसे प्रिय के पाँवों की हल्की चाप, एक सुखद अहसास ऐसे जैसे स्नेह रस से सींचती माँ, एक मनमोहक अनुभूति ऐसे जैसे कोयल की कूक, एक सुंदर मुखड़ा…
बिहार की गौरव गाथा – सुरेश कुमार गौरव
जननी थी यह ज्ञान की, वैदिक युग का मान था, गौतम की तपभूमि बन, बुद्ध का संज्ञान था। विष्णु का वरदान पाकर, जन्मा यह प्रदेश था, जनक की थी भूमि…
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- रामकिशोर पाठक
हम करें विज्ञान की बातें, देश के उत्थान की बातें। विज्ञान और नवाचार में, युवाओं को सशक्त बनाना। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सदा, जागरूकता चाहे लाना। केंद्रित रखकर इसी भाव को,…
जरा जरा-सी बात पर – अमरनाथ त्रिवेदी
जरा जरा-सी बात पर, दिल को कभी न रूठाइए। जरा जरा-सी बात पर, मन को कभी न दुखाइए। निज घर की गुप्त बातों को, बाहर कभी न फैलाइए। घर के झगड़ा झंझट को, घर में ही सुलझाइए। जब…
प्रकृति का संदेश- सुरेश कुमार गौरव
हरी-भरी यह धरती अपनी, इसको हमें बचाना है। पेड़ लगाकर, जल बचाकर, हरियाली फैलाना है॥ नदियाँ बहें सदा निर्मल-सी, कलुष नहीं जल करना है। नीला नभ हो,शुद्ध पवन हो,ऐसा जग…
प्रकृति – रत्ना प्रिया
नित्य कर्मरत रहती प्रकृति, तब जग सुंदर हो पाता है। जग में वही सफल हो पाता जिसे परिश्रम भाता है।। नभ में सूरज चाँद-सितारे, नित्य समय पर आते हैं, जिम्मेदारी…
शिक्षक: ज्ञान के दीपक- सुरेश कुमार गौरव
शिक्षक हैं वो दीप प्रखर, जो तम को हरने आते हैं, ज्ञान-ज्योति से जगमग करके, जीवन पथ दिखलाते हैं। संस्कारों की निधि अनमोल, उनके शब्दों में बसती हैं, सही दिशा…
आजादी के दीवाने – रत्ना प्रिया
आजादी के दीवाने वे, गोली खाई, जेल गए, फाँसी के फंदे को चूमा, हर संकट को झेल गए। भारती के लाल जिन्होंने, अपना जीवनदान दिया, जीवन की स्वर्णिम आयु को,भारत-भू…
मधुमय देश बनाना है – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”
सुरभित सुंदर संस्कार का अद्भुत देश हमारा है, भगत सिंह, गाँधी सुभाष संग हमने भी दिल हारा है। तरुणाई के प्रखर शौर्य को जनहित में रचने के लिए, इस अवनी…