दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य

करिए वंदन शंभु का, लेकर पूजन थाल। उनकी महिमा है बड़ी, उनका हृदय विशाल।। शिव के पावन नाम का, गाएँ नित गुणगान। निश्छल मन में कीजिए, शुचिमय चिंतन-भान।। शिव शिव…

वीणा को बजाइए – मनु रमण चेतना

शारदे भवानी मैया,भंवर में मेरी नैया, करि कृपा मेरी नाव,पार भी लगाईये। श्वेत वस्त्र धारिणी मां,विद्या वर दायिनी हो , सुमति को देनेवाली,कुमति नसाईये। चरणों की आस लगी,दर्शन की प्यास…

मंदाक्रांता छंद – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति

हे वागीशा, हृदय तल से,तुझे माँ मैं बुलाऊँ। आ जाना माँ, सुन विनय को,आस तेरे लगाऊँ। है ये वांछा, चरण रज को,भाल से माँ लगाऊँ। देना माता,शुभवचन ये,गीत तेरे रचाऊँ।…

हे स्वर की देवी माँ – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

हे स्वर की देवी माँ, वाणी मधुरिम कर दो। मैं दर पर आया हूँ, शुचि ज्ञान सुमति वर दो।। इंदीवर पर राजित, है श्वेत हंस वाहन। वेदों की जननी माँ,…

चलो हम दर्शन करें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

आज आएंगे अवधपुरी राम, चलो हम दर्शन करें, अलौकिक सजी है अयोध्या धाम, चलो हम दर्शन करें।। ले हाथों में पान-सुपारी, पंक्तिबद्ध खड़े नर नारी, बिना देखे ना करेंगे विश्राम,…

दिन शुभ मनभावन – मीरा सिंह “मीरा”

गूँज रहा कण कण में गायन आया है दिन शुभ मनभावन। राम नाम हैं अति सुखदाई राम नाम है बहुत सुहावन। राम नाम की ओढ़ चुनरिया सखियाँ गातीं मंगलगायन। चलो…

सहारा हरिनाम है – एस.के.पूनम

सृष्टि के पालनहार, जग के तारणहार, जगत के प्राणशक्ति,आद्यंत श्रीराम हैं। अयोध्या नगरी सजी, हिया बसें रधुवीर, करूणा की धारा बहे,गूंजा राम नाम है। तन पर अंगराग, जगत के अंतरंग,…