डमरू वाला रूप सुहावन ऐसा देखा “डमरू वाला” जैसा देखा कर त्रिशूल गले में नाग प्रस्फुटित अंग भी लगाए आग तीनों लोक में इसकी शान ऐसे हैं इनकी पहचान दु:ख…
Category: Bhakti
For the attainment of God in the world, for the welfare of the person, one has to do spiritual practice for salvation. For this, Bhakti is the best. Therefore, devotion to God and having prayer and meditation is called Bhakti.
जय माता दी-अनुज वर्मा
जय माता दी ऐसी सद्बुद्धि हमें देना माता, मन में भावना गलत न आए हर बुराई दूर ही रहे हम से, लोभ मन में कभी भी न आए। ऐसी सद्बुद्धि…
मां शेरावाली-अशोक कुमार
मां शेरावाली तेरे द्वार पर आया, मां शेरावालिये। मेरी बिगड़ी बना दे, मां ज्योतावालिये।। आएं तेरे धाम माता, पैरों से चला नहीं जाता। मुझ में तुम शक्ति भर दे, काया…
वीर बांकुड़ा कुंवर सिंह-अपराजिता कुमारी
वीर बांकुड़ा कुंवर सिंह आज बिहार के वीर बांकुड़ा का विजयोत्सव सब मिलकर मनाते हैं, वीर बांकुड़ा केसरी कुंवर सिंह की गर्जना को फिर से याद करते हैं। बांध मुरैठा…
मनु के दोहेे-मनु रमण चेतना
मनु के दोहे मनु शतरूपा तप किये, ध्यान धरे वह ईश। बोलो क्या वर दूं तुम्हें, प्रकट हुए जगदीश।। सोना चांदी कुछ नहीं, नहीं रतन धन खान। तुम जैसा हीं…
अम्बे कण मन में बसती हो-स्नेहलता द्विवेदी आर्या
अम्बे कण मन में बसती हो चमक असुर भयाक्रान्त हुआ, सज्जन साधु मन शांत हुआ। माँ साध्वी परम् तू तेजोमय, चन्द्रघण्टा भगवती मान हुआ। प्रेम स्नेह रसधार सहित, अम्बे कण…
श्यामली सूरत की मैं दीवानी-चॉंदनी झा
श्यामली सूरत की मैं दीवानी मनमोहन तू गिरिधर, मन को लुभाते हो, यशोदा का लल्ला, नंद का गोपाला, देवकीनंदन, वासुदेव कहलाते हो।। पूतना का दूध पिया, दानवों को मारा, और…
जन्मभूमि-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
जन्मभूमि जन्मभूमि की पावन स्मृति खत्म कभी मत होने दें। नील गगन से देख विहग नीड़ कभी न खोने दें।। देश-भक्ति की सलिला में नित मिलजुल हम स्नान करें। मन…
माँ शारदे-अवनीश कुमार
माँ शारदे माँ शारदे हम करे तेरी वंदना दया करना हम करे तेरी आराधना। विद्या की तू है अधिष्ठात्री करे तेरी वंदना दिवा व रात्रि। शुद्धता का प्रतीक है तेरी…
दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ
दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का दो ऐसा अचूक वरदान हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…