सृष्टि के सृजनहार- मीरा सिंह “मीरा”

जीव जगत के आधार हे सृष्टि के सृजनहार व्यक्त करें कैसे मनुज आदित्य तेरा आभार हे देवों के देव दिवाकर सबसे बड़े जादूगर आते रहे युगों से नित नई सुबह…

भजन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

तोहर माथे में मुकुट गले हार सोहे ला, माई दसों हाथ तोहर हथियार सोहे ला। कर में कंगन सोहे भाल सोहे बिंदिया, असुरों के देख तोहे आवे नहीं निंदिया। तोहर…

सुनियौ अरज ओहिना – नीतू रानी

भगवती गीत सुनियौ अरज ओहिना अरज ओहिना अरज ओहिना हे जननी सुनियौ अरज ओहिना, बच्चा केअ माता सुनैये जहिना—2 सुनियौ अरज ओहिना——२। तोरब अरहुल फूल पूजब हम नोर सॅ कतबो…

प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद हर साल नवरात्रि, माता की चरण आवे, पूजा बिना सुना लगे महल अटरिया। धन पद सुत दारा, कुछ दिनों का सहारा, चाहत में यूं ही सारी बीती…

माता रानी- नीतू रानी

गज चढ़ी अहाँ एलौं हे माता रानी, जेती गज चढ़ी भगवती। माँ हँसति खल-खल दाँत झल-झल, रुप सुन्दर भगवती। गज चढ़ी अहाँ———2। माँ बाम छूरा दहिन खप्पर, महिषासुर केए मारती।…

कत्यायनी माता- नीतू रानी

कत्यायनी माँ एली हे मैया , नौ रुप में अहाँ भगवती। माँ सिंह सवारिनी त्रिशूल धारिणी, महिषासुर केए मारती। कत्यायनी माँ———-2। माँ शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि गले मुंड माला शोभति।…

कुंडलिया- देव कांत मिश्र ‘दिव्य

माता की आराधना, करो सदा प्रणिपात। अंतर्मन के भाव में, भरो नहीं आघात।। भरो नहीं आघात, कर्म को सुंदर करना। मन की सुनो पुकार, पाप को वश में रखना। पढ़कर…

कविता-कुमकुम कुमारी

मनहरण घनाक्षरी श्रीकृष्ण 1:- हे कान्हा सुनो पुकार, हम आए तेरे द्वार, विनती करो स्वीकार, भव पार कीजिए। दे दो आशीष अपार, हो प्यारा यह संसार, तुम हो प्राण आधार,हमें…