नमामि शंभु कृपालु शंकर आदि सुरेशा। नमामि शंभु महिषं महेशा।। त्रिलोचनाय कालं करालं। रूपं अनूपं तव चंद्र भालं।। जटा- जूटधारी हरणं क्लेशा। नमामि शंभु महिषं महेशा।। ओमकार रूपं निराकार रूपं।…
Category: Bhakti
For the attainment of God in the world, for the welfare of the person, one has to do spiritual practice for salvation. For this, Bhakti is the best. Therefore, devotion to God and having prayer and meditation is called Bhakti.
तू हीं जग के मालिक – अमरनाथ त्रिवेदी
तू ही जग के मालिक तू ही जग के नैया , तुम्हीं हो खेवैया । तुम्हीं जग के मालिक , तुम्हीं रास रचैया ।। मेरे प्राण भी तुम्ही हो , शक्ति…
नमन पिता को कीजिए – विधा दोहा – राम किशोर पाठक
नमन पिता को कीजिए- दोहा छंद कहें जनक पालक उन्हें, जिन चरणों में धाम। पिता वचन का मान रख, वनगामी श्रीराम।।०१।। कदम बढ़ाना अंक दे, जिसका है शुभ काम। नमन…
लगन सदा मन राम लगाओ- चौपाई – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
लगन सदा मन राम लगाओ विधा: चौपाई “””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” जब-जब भाव कथा मन आवै। तब- तब प्रेम राम मन भावै।। प्रभुवर के गुण जो मन गाता। सब सुख-शांति सदा वह पाता।।०१…
कर ले तू उपकार ओ बंदे- मनु कुमारी
करले तू उपकार ओ बंदे करले तू उपकार ओ बंदे, तेरा जन्म सफल हो जाएगा । यह सुंदर तन नश्वर है बन्दे, एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा। मानव तन…
मोहनी माया – विधा गीत – राम किशोर पाठक
मोहनी माया – विधा गीत उलझे रहते हम-सब हरपल, चलता न बुद्धि बल है। सदा सजग रहना माया से, माया बड़ी प्रबल है।। अपना सा आभास कराता, हरपल भ्रम…
सिया के राम आए हैं- अमरनाथ त्रिवेदी
Amarnath सिया के राम आए हैं मिलन फुलवारी की देखो, यहाँ सिया के राम छाए हैं। मिथिला की इन गलियों में, पाहुन श्रीराम आए हैं । जगत कल्याण करने …
उठा वीणा बजा डालूँ – अमरनाथ त्रिवेदी
उठा वीणा बजा डालूँ , सुना मधुमास आया है । ये तारें हैं वीणा की , मधुर झंकार लाया है । खिले हैं फूल चहुँदिस में, बड़ा संदेश लाया है…
सीतासोहर – मनु कुमारी
सुन्दर सुभग मिथिला धाम से, पावन पवित्र भूमि रे। ललना रे जहां बसु राज विदेह, प्रजा प्रतिपालक रे। चकमक मिथिलाक मन्दिर, खहखह लागै गहबर रे। ललना रे सिया अइली धरती…
जानकी नवमी – राम किशोर पाठक
जनक के राज्य में ऐसा भयंकर ग्रीष्म आया था। सरोवर, खेत सूखे थें, नहीं कोई हल चलाया था।। किया था खेत शोधन तो वहाँ पर सीत टकराया। मिला था बंद…