मोहनी माया – विधा गीत उलझे रहते हम-सब हरपल, चलता न बुद्धि बल है। सदा सजग रहना माया से, माया बड़ी प्रबल है।। अपना सा आभास कराता, हरपल भ्रम…
Category: Bhawna
जंग अभी बाकी है – नीतू रानी
जंग अभी बाकी है रंग अभी बाकी है, बहनों के माँग उजारने वालों का कर्मकांड अभी बाकी है। जंग अभी बाकी है रंग अभी——–२। जाति पूछकर मारा तुने…
बुद्धं शरणं गच्छाम: – राम किशोर पाठक:
बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। चत्वारि आर्यसत्यानि, जीव जीवने संगानि, दु:खं, दु:खस्य कारणं वा, निरोधं, निरोधगामिनीं प्रतिपदा। बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। अहिंसा, अस्तेय, कामेच्छा वर्जनम्, अनृतं च…
कर्म – नूतन कुमारी
कर्म धर्म का राह कभी सरल नहीं होता, अधर्म से बड़ा कोई हलाहल नहीं होता युगों – युगों तक स्मरण करें हर कोई, यह मार्ग इतना अविरल नहीं होता।…
सत्य अहिंसा का राही- रत्ना प्रिया
सत्य अहिंसा का राही आत्मतत्व की ज्योति पाने, जब कोई अकुलाता है । सत्य अहिंसा का राही तब, गौतम बुद्ध बन जाता है ।। जन्म-जरा और मृत्यु से,…
माँ का प्यार – राम किशोर पाठक
माँ का प्यार – लावणी छंद माँ का प्यार दुलार जगत में, बड़ा अनमोल होता है। माँ के चरणों में पड़ते तो, सुरपुर लगता छोटा है।। जग के पालक…
माँ- डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
माँ माँ! सुंदर ! बहुत सुंदर, शब्द ब्रम्ह समाया, अंतस्थ अन्तर्मन रोम-रोम, स्पंदन, समर्पण, सुंदर, सुरभित चितवन! माँ! मेरी संगिनी, प्रेम की रागिनी, दुलार की अद्भुत सरिता, प्रेमाश्रु…
महाराणा प्रताप – राम किशोर पाठक
महाराणा प्रताप राजस्थान के मेवाड़ में, सिसोदिया राजवंश था। वीर उदय सिंह द्वितीय का, जन्म लिया एक अंश था।। जयवंता बाई सोनगरा, क्षत्रिय नाम सुमार था। जिनके पावन गर्भ…
मेरी मुन्नी- बाल कविता- राम किशोर पाठक
मेरी मुन्नी सुबह खिड़की जब खोली माई, सूरज की किरणें थी आई। मुन्नी आँखें खोल न पाई, मईया ने आवाज लगाई।। आँखें मींचकर मुन्नी उठी, मईया से जैसे हो रुठी।…
दुश्मन के नापाक इरादे- मनु कुमारी
दुश्मन के नापाक इरादे – ताटंक छंद दुश्मन के नापाक इरादे, सफल नहीं हो पायेंगे। बुरी नजर से देखेगा गर, दृष्टिहीन कर आयेंगे।। अगर राष्ट्र पर वार…