मम्मी मेरी शक्तिशाली, आधी रात उठ जाती है अंधेरे में जाग कर खाना वो बनाती है झाड़ू पोछा बर्तन कपड़े, फिर खुद जा नहाती है जूते मोजे बस्ता टिफिन हम…
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लोक-लज्जा- अवनीश कुमार
ख़ून से लथपथ एक काया. फ़ेंका गया था लहरताल मे उपजी झाड़ियों मे रो रहा था शिशु बिलख-बिलख कर ईश्वरीय संयोग हुआ कुछ ऐसा नव विवाहित युगल की बग्घी उतरी…
मैं पत्रकार हूं – मनु कुमारी
मैं पत्रकार हूं ! मैं जनतंत्र की आवाज, लोकतंत्र का साज हूं, मैं पत्रकार हूं। कलम हमारी ताकत है,कलम हमारी जान है। कलम से हीं विश्व भर में बनी मेरी…
रिश्ते दिलों के- मनु कुमारी
रिश्ते दिलों के निभाये हैं हमने, गमों में भी अक्सर मुस्कुराये हैं हमने। है बहुत हीं प्यारा ये नाजुक सा बंधन, फूलों की भांति संवारा है हमने। कभी डांट फटकार…
सबसे बड़ा धर्म – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जातियों के नाम पर, इंसानों को बाँटा जाता, अक्सर दो जातियों में, होता तकरार है। कई लोग बैठे हुए हैं दुकान खोलकर, हर जगह धर्म के, कई ठेकेदार हैं। जड़…
पत्नी का जीवन- नीतू रानी
विषय – संस्कारहीन पति शीर्षक -पत्नी का जीवन मैंने देखा अपनी आँखों के सामने करते पति को पत्नी पर वार, इसलिए पति-पत्नी पर कुछ लिखने का मन में हुआ विचार।…
नारी क्यों मजबूर हुई – नीतू रानी
नारी क्यों मजबूर हुई जब उसपर अत्याचार क्रूर हुई, तभी नारी मजबूर हुई। नारी पर पुरुषों का बज्र प्रहार, नारी खाती रही पुरुषों की मार। नारी पर बदनामी की दाग,…
मैं खुश हूं कि – रंजीत कुशवाहा
मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…
झूठी शान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई बेसहारा पाता हो सहारा नहीं, दिखावे को महलों में रखते हैं बाँध स्वान। सोने हेतु काफी होता दो गज जमीन जब, क्या फायदा रहने को, भवन हो आलिशान?…
किताब मेरा साथी – अभिनव कुमार
किसी ने कहा, तू मौन हो गया है । आजकल अपने आप में गौण हो गया है।। लगता है तेरे दोस्त, तुझे छोड़ दिए। तुमसे बातें करने वाले मुख मोड़…