कभी आओ जो फुर्सत में,तो कुछ बातें कर लें,जो ठहर गई है ज़िंदगी,उसका भी हिसाब कर लें। शाम से सुबह तक जागती हैं ये आँखें,इंतज़ार की सलवटों में डूबी,कितने सवालों…
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काशक फूल – अवधेश कुमार
काशक फुलधरती पर जब सरदक पइैन झरिक गेल,हवा हलर-हलर बहि रहल,ओकर संग गामक गाछ-बिरिछ झूमि-झूमि उठल,तखन हरियर खेतक बीच सँसफेद आ नीलल उजासक झलक द’ रहल अछि –काशक फुल। काश,जकर…
एक बाल मन की कमेंट्री – अवधेश कुमार
ग्राउंड में जब आई धूम,एशिया कप का था फाइनल बूम बूम।पाकिस्तान आया बड़े जिगरी मिजाज में,सोचा, जीतेंगे हम, छक्के-छक्के बाज़ार में। पर बल्ला शुरुआत में बोला साहिबजादा फरहान और फखर…
महाष्टमी में खोइछा का महत्व – अवधेश कुमार
खोइछा में संजोया शुभ आशीष,माँ के चरणों का अनमोल वचन। धान, दूब, हल्दी, सुपारी के संग,बन जाती जीवन में खुशियों का अंग ।मिथिला के घर-आंगन में बंसा ,स्त्री शक्ति का…
कन्या वंदन – राम किशोर पाठक
माता घर-घर में आती है, धर कन्या का रूप।पाठ पढ़ाती शक्ति बोध का, उसके हर स्वरूप।।शैलसुता सी किलकारी दे, घर वासी हो भूप।ब्रह्मचारिणी सदा किशोरी, होती बड़ी अनूप।। नवयौवना चंद्रघंटा…
द्विज के गुण – राम किशोर पाठक
द्विज एक रूप दिव्य जगत में। ज्ञान धर्म कर्म श्रेष्ठ सतत में।। तेज सूर्य का सहन है करता। विष्णु वक्ष पर पग रख सकता।। रक्षण करता है वेदों का। भक्षण…
बेटी दिवस – नीतू रानी
बेटी दिवस पर बधाई हो बधाई,इस पर मैंने बँटबाई ढेरों सारी मिठाई,बेटी दिवस पर बधाई हो बधाई——-२। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओकम उम्र में न बेटी बियाहो,जहाँ तक पढ़ती है नहींरोको…
पुत्री दिवस- गिरिंद्र मोहन झा
आज अन्तरराष्ट्रीय पुत्री दिवस पर प्रस्तुत मेरी एक कविता:पुत्री-दिवसधन्य वह गेह है, जहँ खिलखिलाती बेटियाँ,धन्य वह गेह है, जहाँ चहचहाती हैं बेटियाँ,धर्म-ग्रंथ कहते हैं, गृह-लक्ष्मी होती बहु-बेटियाँ,सारे देवों का वास…
भारत की बेटी -रिंकु कुमारी
मां हमें भारत की बेटी बनकर जीने दो रश्मों रिवाज की जंजीर तोड़कर आगे बढ़ने दो लाचार बनकर अब हमें जीना मंजूर नहीं, फौलाद बने जिगर बस इतना आशीर्वाद दो…
मैं पिता बन गया हूँ – बिंदु अग्रवाल
छोड़ दी हैं मैंने सारी अठखेलियाँ क्योंकि अब मैं पिता बन गया हूँ। अब मैं पिता को नखरे नहीं दिखाता, क्योंकि अब मैं पिता बन गया हूँ। छोड़ दी हैं…