सजल सुमेरु छंद मात्रा — 19 यति — 12,7 समांत — ऊल पदांत — से हम 1222 122 , 2 122 चलो सबको सजा दें , फूल से हम ।…
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जलहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधा:-जलहरण घनाक्षरी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, करें शुभ कार्य सदा, सनातन परंपरा,है सदियों से अचल। नूतन विचार आए, खुशियाँ बटोर लाए, विधिवत पूजा करें,रहे भाव अविचल। धर्म से…
दोहा (मां)- मनु रमण चेतना
मां की छवि को देखकर,आए जिय में जान। उनसे बढ़कर कुछ नहीं, वह होती भगवान।। मनसा अन्तर सेवतीं, वचसा कर फटकार। मृदु वचनामृत बोलकर, देतीं स्नेह अपार।। मां है धरती…
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
मनहरण घनाक्षरी तप गई आज धरा, धूल संग चली हवा बढ़ गई गर्मी धूप,घर में छुप जाए। प्रातःकाल उठ कर, नित्य दिन सैर कर, सुबह में पेट भर,फल-फूल ही खाए।…
दोहा- मनु रमण चेतना
जब कोई तकलीफ़ हो, बिगड़े सारे काम। दुखी न होना चाहिए, भजिए केवल राम।। मोह दुखों का मूल है, तजिये सकल विकार। मंत्र-जाप दिन रैन कर,करिये भवनिधि पार। साहब हीं…
नारी- दीपा वर्मा
नारी बेचारी,पापा की प्यारी, भैया की दुलारी। मायके की लाज बचाती, ससुराल की आन निभाती। काम के बोझ की मारी, थकी-हारी ,नारी बेचारी। सबके लिए बनी नारी, उसकी नहीं होती,…
उज्ज्वल रखना भाल – मनु कुमारी
इम्तिहान का आ गया,सुंदर सा परिणाम। उल्लासित बच्चे यहां, खूब करेंगे नाम।। बच्चे निर्धन के सदा, पढ़ते मन चित लाय। शिक्षा हेतु और नहीं,कोई यहां उपाय।। नैतिकता की सीख ले,…
मानव – दीपा वर्मा
मानव अपने दंभ मे ..किमी की सुनता नहीं. मैं सबसे उत्तम बस यही, वह जानता है। कोई हमसे भी श्रेष्ठ हो सकता है,वह कभी मानता नहीं। अपने इस गुमान मे,…
कर्म-पथ – सुरेश कुमार गौरव
जिस पथ में चला सत्य है यह कर्म-पथ उतार तो कहीं चढ़ाव का है यह सु-पथ! जीवन के हर मोड़ पर उनको देखा सदा वो पूरा भी न कर सके…
गुरू की महिमा – दीपा वर्मा
हो रहा अत्याचार है, हम लाचार हैं। मन हो रहा दुखी क्योकि आज हम बीमार हैं न भोजन भावे,न नींद आवे न कोई और चीजों से सरोकार है। पर इन…