प्रकृति के आगे लाचार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

छंद -रूप घनाक्षरी अचानक मौसम ने बदला है करवट, आज सारे जीव जंतु गर्मी से गए हैं हार। पसीने से नर-नारी हाल से बेहाल हुए, कर-कर थक गए बरखा के…

दोहा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

दीप जलाकर ज्ञान का, करिए गुरु का गान। चरण शरण रहकर सदा, तजिए निज अभिमान।। गुरुवर प्रतिदिन शिष्य को, देते नैतिक ज्ञान। मन वचनों से कर्म से, करें नित्य सम्मान।।…

फूल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

लगते कितने पुष्प अभिराम गहरा चिंतन कर लो मानव। फूलों-सा नित बनिए ललाम करो नष्ट मत बनकर दानव।। फूल प्रकृति का अनुपम उपहार गुण सुरभित पा हंँसते रहिए। करिए जीवन…

श्रावण- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

शुचि मन-भावन श्रावण आया आगत को लख हों पुलकित मन। अम्बर बादल चहुँदिशि छाया। दृश्य मनोहर बरसा-सावन।। कृषक मुदित मन गीत सुनाते रिम-झिम बूँदें हैं हर्षाती। सुमन विटप मन को…

भिखारी ठाकुर – एम० एस० हुसैन कैमूरी

18 दिसंबर सन् 1887 के जन्म भईल सारण जिला के कुतुबपुर प्यारा सा गांव भोजपुरी के जे देहलस दुनियां में पहचान भिखारी ठाकुर बा उनकर प्यारा सा नाम कवि के…

दोहा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

दीप जलाकर ज्ञान का, करिए गुरु का गान। चरण शरण रहकर सदा, तजिए निज अभिमान।। गुरुवर प्रतिदिन शिष्य को, देते नैतिक ज्ञान। मन वचनों से कर्म से, करें नित्य सम्मान।।…

वन महोत्सव – नीतू रानी

आओ बहना आओ हमसब मिल पेड़ लगाएँ, हरे- भरे पेड़ों के बीच वन महोत्सव मनाएँ, आओ बहना ——2। 🌳🌴🌲🌳🌴🌳 पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ फल- फूल अपने दरवाजे लगाएँ, अगल- बगल…

वर्षा रानी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

वर्षा आई झमाझम, मोती गिरे छमाछम, किसानों के चेहरे पे खुशी की निशानी है। बिजली कड़क रही, घटाएं गरज रहीं, मोरनी भी आज हुई मोर की दीवानी है। अखियां चमक…