बरसों बाद फिर आई रुत ये बहार के, शुभ घड़ी आई, दिन बीते इंतजार के। फसलें तैयार हुईं देखो मन मोहते, कटने किसान हाथ अब बाट जो होते। पक गए…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
प्यारे बच्चे- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद जगत से न्यारा रूप, ढ़ल जाते अनुरूप, बनकर चितचोर, सबको लुभाता है। पल में ही रूठ जाता, तुरत ही मान जाता, चंचल निश्चल छवि, रोते को हँसाता…
दुष्ट व्यक्ति- नीतू रानी
दुष्ट ,बेईमान व्यक्ति से बचकर रहना मेरे भाय, दूसरे का धन लूटकर धनी आज कहलाय। ऊपर से उजला दिखता अंदर भरा है मैल, छिपकली जैसे रंग बदलता ऐसा खेलता वह…
आलस्य से मुंह मोड़ो- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
पक्षियों ने छेड़े राग, प्यारे बच्चों जाओ जाग, भोर की सुहानी बेला, स्वच्छ आसमान है। अब तो विस्तर छोड़ो, आलस से मुंह मोडो, आराम है बड़ा रोग, कहता किसान है।…
विशाल बिरवान- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कांधे पर चढ़कर, तन से लिपट कर, आसपास बच्चे बैठे, दादाजी पर ध्यान है। सिर्फ श्वेत बाल नहीं, झुर्रियों से गाल नहीं, पोते-पोतियो से होती, दादा की पहचान है। अपनी…
पंच चामर – सुधीर कुमार
पंच चामर मात्रा – 24 वर्ण — 16 यति – 12,12 अंत – दीर्घ मात्रा 121 212 121 212 121 2 सदैव साहसी बनो , यहाँ पहाड़ सा अड़ो ।…
कोरोना काल की व्यथा- नीतू रानी
कोरोना काल की व्यथा साधारण वर्ग की व्यथा परेशानी और महंगाई पर आधारित स्वरचित गीत। शीर्षक- कोरोना काल की व्यथा जहिया सेअ एलअ सुख चैन छीनलेए रे कोरोनमा जहिया से…
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या:-मनहरण घनाक्षरी काव्य पथ पर चला, अक्षरों को जोड़-जोड़, प्रेम गीत लिख दिया,शब्दों को सजाइके। विचारों में डूब कर, तूलिका पकड़ कर, थमा नहीं,रुका नहीं,भावों को जगाइके। दिवा…
तमाल छंद -सुधीर कुमार
तमाल छंद मात्रा — 19 अंत – गुरु लघु संकट में है साथ निभाते मित्र । होते है ये अच्छाई के चित्र ।। मित्र हमारे हरदम रखते ध्यान । दुख…
बदल रहा है आज जमाना- मीरा सिंह “मीरा”
नया दौर है नया तराना बदल रहा है आज जमाना।। गुजर गया वो दौर पुराना बेटी बोझ कहीं जाती थी। इल्जामों के बोझ तले वह घर में भी सहमी रहती…