कुछ शरारतें और नादानी याद जाती अपनी शैतानी, कभी सोचकर शर्म के मारे आ जाता आंखों में पानी। धमाचौकड़ी खूब थे करते गिरने पर आहें थे भरते, भैया,पापा,चाचा के अलावे…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
सफलता कीमत मांगे- डॉ स्वराक्षी स्वरा
सुनो ! सफलता कीमत मांगे बात बात पर मत रोना ।। मुरझाए जो पुष्प तो देखो डाली से गिर जाता है सूखा पत्ता झर जाए तो कोई नहीं उठाता है…
हमें किताब चाहिए- स्मिता ठाकुर
सुन लो सर जी,सुन लो मैडम ना खाना चाहिए ना पोशाक चाहिए… बस समय से हमको किताब चाहिए।। अप्रैल से शुरू होती है पढ़ाई…बिना किताब करूँ क्या खुद से लड़ाई??…
चलना है थोड़े -थोड़े- धीरज कुमार
हैं पग- पग पर रोड़े। चलते रहना है थोड़े -थोड़े।। बढ़ते कदम अब रुकने वाले नहीं है। इरादे मजबूत रखे चले कितने भी कोड़े।। है बुलंद इच्छाशक्ति पत्थर सी। चला…
मैं बिहार हूं- एम० एस० हुसैन
बाल्मीकि का मैं रामायण हूं एस० एच० बिहारी मैं गायन हूं बहादुर और बिस्मिल्लाह की वाद्य यंत्रों का सदा मैं वादन हूं पटना हुआ मेरा हृदय स्थली मैं ही भारत…
भारत का गौरव बिहार- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जो गौतम की है तपोभूमि, जिसे महावीर का मिला प्यार, वह भारत का गौरव बिहार।। कोसी, फल्गु, बूढ़ी गंडक, इस धरती को पहुंचाती ठंडक, सदियों से है पावन करती, बहती…
बिहार गीत – जयकृष्णा पासवान
उठो-उठो होलैय बिहान गे बहिना । हमरो बिहार छै महान…२।। “गांधी जी के कर्म भूमि” कुंवर सिंह के वीरता।२ “धर्म भूमि अशोक के” आसमान गे बहिना।। हमरो बिहार छै महान…।२…
चारो फल पाइए- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
प्रभाती पुष्प 🌹🙏🌹🙏🌹🙏 मनहरण घनाक्षरी छंद भोलेनाथ अंतर्यामी, तीनों लोकों के है स्वामी, लंबोदर माता शिवा-शरण में आइए। भांग-भस्म, कंदमूल, धतूरा के फल-फूल, बेलपत्र गंगाजल, शिव को चढ़ाइए। सिर ले…
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या:-मनहरण घनाक्षरी 🌹कविता सुनाइके🌹 काव्य पथ पर चला, शब्द जोड़-जोड़ कर, प्रेम गीता लिख दिया,शब्दों को सजाइके। विचारों में डूब कर, तूलिका पकड़ कर, थमा नहीं रुका नहीं,भावों…
चमकी को धमकी- विवेक कुमार
गर्मी की जब आहट आती, चमकी की धमकी याद आती, बड़ी तेजी से पैर फैलाती, बच्चों की काल बन जाती, अभिभावक को खूब हड़काती, अपनी चाल चल ही जाती, अपना…