प्रकृति है जीवन का आधार। मनुष्य ने किया इससे खिलवाड़।। गगनचुंबी इमारत की जाल बिछाई। धरा पर कंक्रीट रुपी जंगल फैलाई।। पेड़-पौधे की अंधाधुंध कर कटाई। कृषि योग्य उपजाऊ भूमि…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
मैं खुश हूं कि- रणजीत कुशवाहा
मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…
रुप अनेक पर मैं इक नारी हूं-रणजीत कुशवाहा
अपने पापा की प्यारी परी हूं। जननी मां की राज दुलारी हूं।। बड़े भैया की बहना न्यारी हूं। बाबुल के अंगना की फूलवारी हूं ।। मैं तो दो जहां की…
हम लड़की है- रणजीत कुशवाहा
हमें किसी से भावानात्मक लगाव होता है, लेकिन आप लोग जिस्मानी समझ लेते हो। हम सोशल मीडिया पे आपके विचारों को पसंद करतें हैं । आप ये समझने लगते है…
लालची बाप- नीतू रानी
जिस माँ बाप को खाने का नहीं है औकात, उसे बच्चा पैदा करने का नहीं है अधिकार। जिस घर में पिता हो नशेवाज उस खानदान का सभी लोग भी होंगे…
लगाय छी माथो घुसो म – जय कृष्णा पासवान
ठंडा पड़ल छै पुसो म, लगाय छी माथो घुसो म। नौकरी में मंदा मत पूछो, पढ़ाई में धंधा मत पूछो।। आॅफिसो म चंदा मत पूछो, आरु नज़रों म अंडा मत…
बीत गई बात वो- एस.के.पूनम
विद्या-:- मनहरण घनाक्षरी जीवन का नवरंग,इंद्रधनुष-सा अंग, धरा पर छाया कण, मिल गया जात को। मुस्कुराया अंशुमन,तप गया मेरा मन, मुरझाये पुष्प धरा, तपिश से मात जो। सूरज लोहित मला,प्रकृति…
नववर्ष-संजय कुमार
नववर्ष नूतन संदेश लाये हर वर्षों से ये अच्छा कहलाए, खुशियां ही हो चहुँओर नववर्ष नूतन संदेश लाये। गम न हो किसी चेहरे पर, सबके हिस्से में खुशी आये दुखी…
अंत ही आरंभ है-नवाब मंजूर
देखो ना, साल जो नया था अब हाल उसका पूछो? कभी जश्न में था डूबा आज स्वयं डूब रहा है…. 2023 आ रहा है 2022 जा रहा है दफन हो…
कर्म का रहस्य -अमरनाथ त्रिवेदी
सम्बल तप -त्याग का , चला रहा संसार को । कर्मपथ निष्कंटक नही, बतला रहा निज सार को । है दिग्भ्रमित होता मनुज , बुद्धिबल छीजती है जहाँ । संदर्भ…