विद्यालय और सामाजिक बदलाव – राम किशोर पाठक

विद्यालय और सामाजिक बदलाव शिक्षा समाज का किस्सा है। विद्यालय इसका हिस्सा है।। विविध रूप जो बोल रहे हैं। स्व परिवेश को घोल रहें हैं।। विद्यालय भाव जगाता है। समता…

नशा मिटाएँ- योग छंद – राम किशोर पाठक

नशा मिटाएँ- योग छंद हालत अपनी हरपल, हमें बताएँ। आदत कोई भी हो, नहीं लगाएँ।। हो चाहे कैसी भी, उसे छुड़ाएँ। मिलकर हम-सब अब तो, नशा मिटाएँ।। दुर्गंधों से हरपल,…

शब्द भेद को जानें – राम किशोर पाठक

शब्द-भेद को जानें देववाणी सुता है हिंदी। भारत माता की है बिंदी।। आओ इसका रूप निहारे। बहती जिसमें भाव हमारे।। कुछ के सीधे अर्थ समझते। कुछ अटपट सा समझ न…

शब्दों के हैं रूप निराले – चौपाई छंद – राम किशोर पाठक

शब्दों के हैं रूप निराले – चौपाई छंद यूँ जो ध्वनियाँ बोली जाती। भावों को अपने बतलाती।। वर्णों से जो निर्मित होती। है शब्द वही तो कहलाती।। शब्दों के है…

मौसम गर्मी वाला आया-चौपाई छंद – राम किशोर पाठक

मौसम गर्मी वाला आया- चौपाई छंद – बाल कविता बिटिया रानी सुनो कहानी। दुनिया करती है नादानी।। कभी न करना तुम मनमानी। जिससे बढ़े कुछ परेशानी।। मौसम गर्मी वाला आया।…

गौ माता को हम-सब जानें – राम किशोर पाठक

गौ माता को हम-सब जानें – बाल कविता दुग्ध, क्षीर, पय, गोरस लाना। स्तन्य, पीयूष, दोहज जाना।। सुधा, सोम हीं सुर को भाए। देवाहार यही कहलाए।। जीवनोदक, अमृत भी कहते।…

नमन पिता को कीजिए – विधा दोहा – राम किशोर पाठक

नमन पिता को कीजिए- दोहा छंद कहें जनक पालक उन्हें, जिन चरणों में धाम। पिता वचन का मान रख, वनगामी श्रीराम।।०१।। कदम बढ़ाना अंक दे, जिसका है शुभ काम। नमन…

पड़ती गर्मी प्रचंड है – लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक

पड़ती गर्मी प्रचंड है – लावणी छंद गीत ताल, तलैया, सरवर सूखा, भू दिखता खंड-खंड है। प्यासा पंछी खोज रहा जल, गर्मी बड़ा प्रचंड है।। झुलस गया है बाग, बगीचा,…