बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। चत्वारि आर्यसत्यानि, जीव जीवने संगानि, दु:खं, दु:खस्य कारणं वा, निरोधं, निरोधगामिनीं प्रतिपदा। बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। अहिंसा, अस्तेय, कामेच्छा वर्जनम्, अनृतं च…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
कर्म – नूतन कुमारी
कर्म धर्म का राह कभी सरल नहीं होता, अधर्म से बड़ा कोई हलाहल नहीं होता युगों – युगों तक स्मरण करें हर कोई, यह मार्ग इतना अविरल नहीं होता।…
सत्य अहिंसा का राही- रत्ना प्रिया
सत्य अहिंसा का राही आत्मतत्व की ज्योति पाने, जब कोई अकुलाता है । सत्य अहिंसा का राही तब, गौतम बुद्ध बन जाता है ।। जन्म-जरा और मृत्यु से,…
माँ का प्यार – राम किशोर पाठक
माँ का प्यार – लावणी छंद माँ का प्यार दुलार जगत में, बड़ा अनमोल होता है। माँ के चरणों में पड़ते तो, सुरपुर लगता छोटा है।। जग के पालक…
मेरी मुन्नी- बाल कविता- राम किशोर पाठक
मेरी मुन्नी सुबह खिड़की जब खोली माई, सूरज की किरणें थी आई। मुन्नी आँखें खोल न पाई, मईया ने आवाज लगाई।। आँखें मींचकर मुन्नी उठी, मईया से जैसे हो रुठी।…
शिक्षा का हमारे जीवन में महत्व – मृत्युंजय कुमार
शिक्षा से बदलती है तस्वीर। शिक्षा हीं बदलती है तकदीर।। शिक्षा का है हमारे जीवन में बड़ा महत्व। शिक्षा से हीं करना सबसे बड़ा अपनत्व।। शिक्षा बिना जीवन लगता अधूरा।…
शिक्षक ज्ञान के दीपक -अमरनाथ त्रिवेदी
हम शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं , सदा ज्ञान का प्रकाश फैलाते। कथनी करनी में भेद नहीं , जीवन का यही राग सुनाते।। बच्चों के सुनहरे सपने को , हम…
अग्निशमन – मनु कुमारी
आओ बच्चों तुम्हें बतायें , अग्निशमन क्या होता है ? अग्नि से बचाव का यह एक , उत्तम माध्यम होता है।। अग्नि दुर्घटना से नुकसान ! अग्नि बचाव का चलाएं…
कलमकार का संदेश – राम किशोर पाठक
कलम हमारा आज है, लिखने को तैयार, चिंतन समाज का नहीं, लिखना तब बेकार। शब्दों को बस गूँथते, बनते रचनाकार, कथ्य-शिल्प को छोड़ते, लाते नव आचार। नहीं प्रेम-चिंतन धरे, बिना…
जीवन संकल्प – सुरेश कुमार गौरव
उठो, जगा लो मन का दीपक, भर लो जीवन में स्नेह-रूपक। सपनों के पंखों से उड़कर, छू लो नभ का स्वर्ण-सुंदर। विश्वास बने हर पल साथी, नव आशाओं की हो…