दोहावली हे माता जगदम्बिके, तू जग तारणहार। अनुपम दिव्य प्रताप से, संकट मिटे हजार।। बढ़ना है जीवन अगर, चलिए मिलकर साथ। सारी दुनिया आपको, लेगी हाथों-हाथ।। बेटा है कुल दीप…
Category: Shaikshnik
हमारा परिवेश-बीनू मिश्रा
हमारा परिवेश आओ देखो छू ले हम, और पाएं हम उनसे ज्ञान, अलग-अलग आकार और प्रकृति के, पत्ती फूल फल और तना अनेक, रंग, गंध अलग लंबे और छोटे मोटे,…
अशोक कुमार-बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी, घर में वह धौस जमाती। म्याऊं म्याऊं करती रहती, बच्चों को खूब भाती।। चूहों को पकड़ा पकड़ी, उसको खूब मजा आती। चूहों को…
शिक्षा-आंचल शरण
शिक्षा जो व्यक्ति को आश दिखाए आगे बढ़ने की प्यास जगाए अंधकार को दूर प्रकाश लाए चारों तरफ उजियारा फैलाए उसी का नाम शिक्षा कहलाए। जो व्यक्ति को विशिष्ट…
बच्चे का संकल्प-सुधीर कुमार
बच्चे का संकल्प हम बच्चे हैं छोटे पर हमें बड़ा बहुत बनना है। पर्वत बन आंधी के आगे सदा खड़ा रहना है। सागर की लहरों पर हमको अपनी नाव चलानी…
मोबाईल-रीना कुमारी
मोबाईल मोबाईल की दूनियाँ देखो आई है दोस्तो, अब अपनों से न मिलने का समय है दोस्तो। बच्चे की कौन पूछे, हम बड़े भी डूबे रहते है मोबाईल में दोस्तो,…
चलो चलें स्कूल-ब्यूटी कुमारी
चलो चलें स्कूल अब खुल गया स्कूल बहुत दिनों से बंद पड़ा था बच्चों की बगिया सारी सुनसान बगिया में अब गूंजेगी किलकारी। चुन्नू-मुन्नू रूनिया-झुनिया सभी चलो स्कूल खुल गया…
मां-नूतन कुमारी
मां तेरा विस्तार करुँ कैसे ओ माँ, तू शब्दों का मोहताज नहीं, तेरा वर्णन दिव्य अलौकिक है, यह मेरे वश की बात नहीं। ईश्वर भी नतमस्तक होते, तेरी ममता से…
मैं ही दुर्गा भवानी हूँ-निधि चौधरी
मैं ही दुर्गा भवानी हूँ कभी शबरी सी मैं निश्छल कभी झांसी की रानी हूँ । मैं ही बेटी, मैं ही माँ हूँ, मैं ही दुर्गा भवानी हूँ । न…
मेघा-मधुमिता ‘सृष्टि’
मेघा मेघा रे मेघा रे, अंबर की बगिया में छा जा रे…… संग तेरे नाचे मेरा मन मयूरा रे… उमर- घुमर कर प्यासी धरा पे छा जा रे…… खुशियों…