हे गुरुदेव – संजय कुमार

अज्ञानरूपी तिमिर दूर कर हम ज्ञान की अलौकिक रश्मि फैलाएं, आइए हमसभी मिलकर फिर दिव्यज्ञान की एक दीप जलाएं। गुरु के ऋण को कहाँ कोई चुका पाया है गुरु अंधकूप…

शिक्षक हैं परेशान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

ऊपर के अधिकारी, लेते नहीं जिम्मेवारी, आज यहां रोज होता, शिक्षकों का अपमान। सुधार के नाम पर, विद्यालय जाँच होता, अधिकारी जारी करें,नये-नये फरमान। कमियाँ छिपाने हेतु, जनता को भरमाते,…

गुरू – विनय विश्वा

गुरु वहीं जो ज्ञान बताए भटके हुए को राह दिखाए जीवन मिले ना फिर ये कभी हर मोड़ पर जीवटता सिखाए गुरु वहीं जो ज्ञान बताए मुर्दे में भी जान…

हम शिक्षक – मीरा सिंह “मीरा”

करे उजाला अखिल विश्व में तम को दूर भगाते हैं। हम शिक्षक हैं ज्ञान के सागर ज्ञानामृत पिलाते हैं।। कैसी भी मुश्किल आ जाए तनिक नहीं घबराते हैं। अगर अंधेरा…

शिक्षा का उद्देश्य – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

पढ़ने से ज्ञान मिले दुनिया में मान मिले, जीवन से अज्ञान का मिटता है अंधकार। किए पर खेद करें किसी से न भेद करें, लोगों से करते सभी, सुसंस्कृत व्यवहार।…

उपदेश देते हैं – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

विषय:-उपदेश देते हैं विद्या :-मनहरण घनाक्षरी छंद फैशन में पड़कर, सुध-बुध खोते युवा, चेहरा नकली और काले केश होते हैं। समय के अनुरूप, होता नहीं पहनावा, तन में वसन भेष,…

पुष्प अमलतास के – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

पत्तियां है हरी-हरी, वृक्ष लगे जैसे परी, पेड़ों में झूमते ये -पुष्प अमलतास के। खुब जब मिले प्यार, हंसता है परिवार, परिवेश खुशनुमा, होते आसपास के। नभ से फुहार गिरे…