राष्ट्र धर्म क्षेत्रीयता की संकीर्णता के पार स्वार्थ परक नीति के उस पार भाषाई मनोवृत्ति से मुख मोड़कर अस्पृश्य तमिस्त्रा से रिश्ता तोड़कर भारत ज्योत्सना झिलमिलाना है आओ! हमें राष्ट्र…
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शिक्षक-सुरेश कुमार गौरव
शिक्षक शिक्षक यानी गुरु, शिक्षा का पर्याय गुरु यानी ब्रह्म ईश्वर सु-पथ पर लाने वाले ज्ञान-कला के पारखी भविष्य निर्माण की नींव रखकर सभ्य समाज की नींव डालकर सु-समाज की…
राम कथा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
चौपाई (राम कथा) कमल नयन हरि के अवतारे। त्रेतायुग में अवध पधारे।। सुंदर सुकोमल रूप न्यारा। देख हुआ पावन जग सारा।। अपने संग अनुज को लाए। नृप दशरथ के मान…
आओ सीखें-गिरिधर कुमार
आओ सीखें प्यार जताना मिलकर चलना मिलकर रहना आओ सीखें तूफानों में कैसे चलना कैसे लड़ना भरी हुई दरिया में कश्ती कैसे पार लगेगी बोलो आओ सीखें इस मौके पर…
वेद की ओर लौटें-कुमारी निरुपमा
वेद की ओर लौटें वेद है ईश्वर की वाणी ऋचा अध्ययन करते ज्ञानी, वेद अपौरुषेय कहलाता परब्रह्म वेदों के रचयिता। वेदों को श्रुति हैं कहते मुख से सुनकर याद रखते…
पिता-ब्यूटी कुमारी
पिता पिता राही, पिता रक्षक पिता पथ प्रदर्शक है। पिता सागर, पिता पर्वत पिता धरती और गगन है। पिता सूर्य, पिता किरण पिता वृक्ष और छाया है। पिता शिक्षा, पिता…
पिता-गिरिधर कुमार
पिता एक बरगद एक असीम सा कुछ वह खड़ा है पार्श्व में हम और हमारी छाया के बीच कहीं… ढूंढो न ढूंढो उसे कोई मतलब नहीं बस तुम्हारी समृद्धि चाहिए…
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो-स्वाति सौरभ
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो? कैसी हो शिक्षा व्यवस्था? करते हैं आज हम चर्चा, न कठोर सजा का प्रावधान हो, न फीस शिक्षा में व्यवधान हो। न विद्यालय मीलों दूर हो,…
साइकिल की सवारी- नरेश कुमार “निराला”
साइकिल की सवारी दो पहिये की अनोखी सवारी हर बच्चे को लगती है प्यारी, अनपढ़-ज्ञानी इसे सभी चलाते होती न किसी को कोई बीमारी। इसकी कीमत काफी कम है बिना…
खामोशी अतीव वाचाल- अर्चना गुप्ता
खामोशी अतीव वाचाल देख अवनि की गमगीन -सी सूरत खामोशी आज हुई अतीव वाचाल धुआँ- धुआँ सी है बनी जिन्दगी जाने किस घड़ी हो किसका काल भयाक्रांत मनुज क्षण-क्षण…