अस्ताचल सूरज को, हम सब ही प्रणाम करें,उगते सूरज और छठ माता की पूजा, सच्चे मन से करें। संध्या अर्घ्य की रौशनी, जीवन में लाएँ,मन की सारी इच्छा, छठ में…
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दिव्यता- गीत
दिव्यता- गीत पर्व दिनकर का सुखद अहसास लेकर आ गयी। दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।। साफ सारे घर हुए हैं चमचमाहट देख लो। और बदली सोच…
आओ कलम -गौतम भारती
आओ कलम तुम्हीं को पूजें, तुम्हीं को चाहें, तुम्हीं को गले लगाएं l 2 आओ कलम ! फिर साथ में तेरे, आगे कदम बढ़ाएं । आगे कदम बढ़ाएं ll तुम…
ज्योति-पर्व दीपावली- गीत
ज्योति-पर्व दीपावली- गीत हर्षित आज सभी नर-नारी, सुंदर सुखद तराना है। अगणित दीप जलाकर भू का, सारा तिमिर मिटाना है।। आज अमावस हार गया है, नहीं तिमिर टिकने वाला। फैला…
कचरे की ढेर जैनेंद्र प्रसाद
कचरे की ढेर समसामयिक रचना सबको दे खुशहाली, चली गई ये दिवाली, बाजारों में जमा हुई, कचरे की ढेर है। जश्न पुरज़ोर होता, पटाखे की शोर होता, जागने से आंखें…
गोवर्धन- राम किशोर पाठक
गोवर्धन- पादाकुलक छंद आधारित गीत व्रज वनिता के वासी प्यारे। मोहन नख पर पर्वत धारे।। सुरपति जमकर जल बरसाए। व्रजवासी जिससे घबराए।। कान्हा बनकर खेवन हारे। मोहन नख पर पर्वत…
मिलकर दीप जलाएँ – बाल गीत
मिलकर दीप जलाएँ – बाल गीत आओ खुशी मनाएँ। मिलकर दीप जलाएँ।। घना अँधेरा छाया। धन्य अमावस आया।। कहते सभी दिवाली। इसकी कथा निराली।। बच्चे हर्षित गाएँ। मिलकर दीप जलाएँ।।०१।।…
दीप जलाने आओ – राम किशोर पाठक
दीप जलाने आओ- गीत वैर को आज मिटाने आओ। दीप से दीप जलाने आओ।। द्वेष कोई अपनाना छोड़ो। भाव सारे बहकाना छोड़ो।। हाथ से हाथ मिलाने आओ। दीप से दीप…
दिवाली आई – गीतिका – राम किशोर पाठक
दिवाली आई- गीतिका कूड़ा-करकट करो सफाई। है नजदीक दिवाली आई।। कार्तिक लेकर शुभता आता। सदियों से यह रीत निभाई ।। साफ करें हम गली-मुहल्ला। दीवारों की कर रंगाई।। परिजन सबकी…
गीदड़ तब शोर मचाएगा – रामपाल प्रसाद सिंह
गीदड़ तब शोर मचाएगा… निज शेर पाॅंव पीछे खींचे। निज ऑंखों को करके नीचे।। तब बुरा समझ कहलाएगा गीदड़ तब शोर मचाएगा मौसम छाया कई दिनों से। चल रहे हैं…