बाल कविता आओ मिलकर छठ करें..अवधेश कुमार

अस्ताचल सूरज को, हम सब ही प्रणाम करें,उगते सूरज और छठ माता की पूजा, सच्चे मन से करें। संध्या अर्घ्य की रौशनी, जीवन में लाएँ,मन की सारी इच्छा, छठ में…

दिव्यता- गीत

दिव्यता- गीत पर्व दिनकर का सुखद अहसास लेकर आ गयी। दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।। साफ सारे घर हुए हैं चमचमाहट देख लो। और बदली सोच…

ज्योति-पर्व दीपावली- गीत

ज्योति-पर्व दीपावली- गीत हर्षित आज सभी नर-नारी, सुंदर सुखद तराना है। अगणित दीप जलाकर भू का, सारा तिमिर मिटाना है।। आज अमावस हार गया है, नहीं तिमिर टिकने वाला। फैला…

गोवर्धन- राम किशोर पाठक

गोवर्धन- पादाकुलक छंद आधारित गीत व्रज वनिता के वासी प्यारे। मोहन नख पर पर्वत धारे।। सुरपति जमकर जल बरसाए। व्रजवासी जिससे घबराए।। कान्हा बनकर खेवन हारे। मोहन नख पर पर्वत…

मिलकर दीप जलाएँ – बाल गीत

मिलकर दीप जलाएँ – बाल गीत आओ खुशी मनाएँ। मिलकर दीप जलाएँ।। घना अँधेरा छाया। धन्य अमावस आया।। कहते सभी दिवाली। इसकी कथा निराली।। बच्चे हर्षित गाएँ। मिलकर दीप जलाएँ।।०१।।…

दिवाली आई – गीतिका – राम किशोर पाठक

दिवाली आई- गीतिका कूड़ा-करकट करो सफाई। है नजदीक दिवाली आई।। कार्तिक लेकर शुभता आता। सदियों से यह रीत निभाई ।। साफ करें हम गली-मुहल्ला। दीवारों की कर रंगाई।। परिजन सबकी…

गीदड़ तब शोर मचाएगा – रामपाल प्रसाद सिंह

गीदड़ तब शोर मचाएगा… निज शेर पाॅंव पीछे खींचे। निज ऑंखों को करके नीचे।। तब बुरा समझ कहलाएगा गीदड़ तब शोर मचाएगा मौसम छाया कई दिनों से। चल रहे हैं…