मन से न कभी भाग पाएँगे,
सदा शिक्षा का अलख जगाएँगे।
जीवन से शिक्षा का इतना नाता,
इसके बगैर न हम कुछ कर पाएँगे।
शिक्षा ही मनुष्य को पशु से विलग करती,
शिक्षा से जीवन में उमंग है बढ़ती।
इसी कारण सारी दुनिया में,
रज रज में रंग खुशी के भरती।
शिक्षा पाने का अधिकार सभी को,
वंचित एक भी बच्चा न रह पाए।
सब धन में एक यही है भारी,
जिसे चोर उठा ले कहीं न जाए।
जीवन में शिक्षा का महत्व अधिक हो,
शिक्षा की लौ जग में कभी न कम हो।
मनुज से पशुता को विलग करने में,
शिक्षा की भूमिका बड़ी अहम हो।
कला जीने की यही सिखाती,
जीवन धन्य यही कर जाती।
शिक्षा का महत्व बहुत जीवन में,
यही हमें संस्कार जगाती।
मानव को मानवता का,
हरदम यही सबक सिखलाती।
फर्क बहुत अनपढ़ औ पढ़े लिखें में,
भेद सारा सदा यही बतलाती।
जीवन सदा पुरुषार्थ भरा हो,
पर न शिक्षा से यह खाली पड़ा हो।
जीवन को विकसित करने में,
शिक्षा की भूमिका सदा बड़ा हो।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैगरा
प्रखंड बंदरा, जिला मुजफ्फरपुर
