देखो,कैसे आ गया अक्टूबर
थोड़ी सी ठंडी हवा लेकर,
थोड़ी सी सूरज की गर्मी चुराकर
थोड़ी सी सूरज में नर्मी लाकर
जैसे करने को आतुर है
शीत का स्वागत
देखो कैसे आ गया अक्टूबर।
बारिश भी धीरे-धीरे विदा ले रही है,
धान की बालियां खेतों में झूम
रही हैं,
बागों में भी हरियाली छाई है
धुली-धुली सी लग रही है धरा
नदी पोखरों में भी पानी भर आईं है।
देखो कुछ ऐसे आ गया है अक्टूबर।
रात में ओस की बूँदें गिरती धरा पर,
मानो धरा ओस से नहाई है।
पत्तियों ,फूलों पर गिरती बूँदें
मानो मोती से शृंगार कर
उनपर निखार आई है।
देखो कुछ ऐसे आ गया है अक्टूबर।
रूचिका
प्राथमिक विद्यालय कुरमौली, गुठनी सिवान
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