मात्रा – १९ २१२२ २१२२ वंदना माँ शारदे की सब करो । ध्यान माता के चरण में अब धरो ।। आ गए बच्चे सभी तेरे यहाँ । कर रहे आराधना…
बेटियाँ जरूरी होती हैं – रूचिका
धरा की खूबसूरती और बढ़ाने के लिए, रिश्तों को प्रेम रंग में सजाने के लिए, बेटी,बहन,पत्नी,प्रेमिका मॉं ,फुआ, रिश्तों के अनेक रूपों में भावों को सदा ही दिखाने के लिए,…
बेटी -देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
ममता बड़ी प्यारी है, समता बड़ी न्यारी है, बेटी ही तो बनती माँ, माँ की परछाईं है। मानवता की जान है, देश का अभिमान है, नील गगन से जाके, आँख…
वंश की अंश -अपराजिता कुमारी
हर वंश की अंश है बेटियां दो कुल की शान, गुमान है संस्कृति संस्कार हैं बेटियां घर आंगन की राग अनुराग है तीज त्योहारों की रौनक है साजो श्रृंगार रस्मो…
मेरी बेटियां -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
मेरी बेटियां! मेरी प्रतिरूप, मैं बसती हूं उनमें, अंतस्त बिल्कुल अंदर, आद्यो पांत सर्वांग, प्राण वायु की तरह। मेरी बेटियां! मुस्कुराहटों में, आशाओं में, बातों में, आख्यानों में, संवाद में,…
बेटी दिवस – नीतू रानी
हो रही है खामोश हिंसा निर्दोष उन बेटियों की, बचाओ मत मारो इसको ये है रौनक आपके घर की, हो रही——————2। कितने कुमारे लड़कों को लड़कियाॅ॑ नहीं मिल रही, हो…
बेटी तो घर की आन है – एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
बेटीयां तो घर की आन है बाप की अनुपम पहचान है जो समझता है बेटी को बोझ वह तो सबसे बड़ा नादान है क्यों करते हो बेटा और बेटी वह…
सुलक्षणा बेटी – मनु कुमारी
खुशियों का संसार है बेटी , प्रेम का सुंदर उपहार है बेटी, बेटों को जो विनम्र बनाये, ममता,स्नेह व प्यार है बेटी। हर मुश्किल का हल है बेटी, गंगा का…
जाने कहां गए वो दिन -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
टॉफी पा के इठलाना, पल में मचल जाना, शैशव की बीती बातें- हमें याद आते हैं। बांहों में लिपट कर, आंचल में छिप जाना, मां की सुनाई लोरी- नहीं भूल…
रामधारी सिंह दिनकर – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
जन्म दिन कविवर, गाएँ गुण मिलकर, दिनकर उपनाम, सभी विधा जानते। जन्मे थे कृषक घर, मिला मातु शुभ वर, सूर्य-सा दैदीप्यमान, राष्ट्र उन्हें मानते। कवि दिव्य मन वाले प्रतिभा जगत…