कसक किसानों की – एस.के.पूनम

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी (कसक किसानों की) लालिमा के संग जागे, टोकरी उठाए भागे, ढूंढ रहे फलियों में,श्रमदान महानों की। पग धरे तप्त धरा, सूख गए बाग हरा, कृषक…

मनहरन घनाक्षरी छंद – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

और कोई काम नहीं, मिलता आराम नहीं, थक हार कर थोड़ा, सूर्य अलसाया है। चलता हूँ जिस पथ, देखता हूँ लथपथ, थलचर-नभचर,घाम से नहाया है। सागर उबल रहा, पत्थर पिघल…

अमरों में नाम लिखा लेना – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति

चलते-चलते गर पग दुख जाय बैठ थोड़ा सुस्ता लेना। मगर धैर्य खोकर कभी तुम पग को पीछे ना हटा लेना। बढ़ जाय जो कभी असमंजस तो प्रभु का ध्यान लगा…

मोदी जी – नीतू रानी

विषय -मोदी जी। शीर्षक -बधाई हो बधाई तीसरी बार पीएम बनने पर बधाई, बधाई हो बधाई मोदी जी को बधाई —-२। आपका कार्य काल रहा सफल जैसे बहता गंगा जी…

लाल रंग – मनु कुमारी

मुझे लाल रंग भाता है। क्योंकि यह रंग है- मेरी खुशियों का, इन हसीन वादियों का। तुम्हारी बेपनाह चाहतों का, रिश्तों की गर्माहटों का। यह रंग है अंधेरों में उजास…

वटवृक्ष की पत्नी कहती है – नीतू रानी

वटवृक्ष की पत्नी कहती है क्या यही है वटसावित्री का त्योहार, जिस त्योहार में महिलाएँ करती है दूसरों के पति से प्यार। बार -बार महिलाएँ कर रही बहुत बड़ा अपराध…