बैलगाड़ी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

बैलगाड़ी कच्ची सड़क की सबसे प्यारी, बैलगाड़ी है सबसे सुंदर सवारी। उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी, शान से चलती बनाकर धारी।। आवागमन का था एकमात्र सहारा, राजा हो या कोई रंक…

हमारी संस्कृति की पहचान गंगा-बीनू मिश्रा

हमारी संस्कृति की पहचान गंगा मैं हूँ गंगा, भारतीय संस्कृति की पहचान कैसे व्यक्त करूं मैं अपनी व्यथा खो रही हूं मैं अपना रंग रूप प्राकृतिक छटा का दिव्य स्वरूप…

करवाचौथ त्योहार-विवेक कुमार

करवाचौथ त्योहार पति पत्नी का प्यार, जीवन का है आधार, प्यार और सम्मान से जग में मिलता मान, दोनों का त्याग, समर्पण और विश्वास, इसे बनाया आगढ़, संगनी का आधार,…

हिन्दी हैं हम-अश्मजा प्रियदर्शिनी

हिन्दी हैं हम राजभाषा हिन्दी है हमारे हिंद देश की भाषा। संस्कृति, उत्थान, समृद्धि की है ये प्रत्युषा। अखंडता में एकता की है अद्भुत परिभाषा। हिन्दी भाषा की समृद्धि है…

गोवर्धन गिरधारी-आंचल शरण

गोवर्धन गिरधारी जय गोवर्धन गिरधारी, ओ बांसीवाले बनवारी, श्याम सलोना मुकुट धारी! तुझ पर बलिहारी जाऊं री।। ओ नटखट बाल बिहारी, मुख माखन पग पैजनियाधारी, तीनों लोक के करतारी! तुझ…

करके सीखें-अशोक कुमार

करके सीखें आओ जोड़ की प्रकृति को जाने, मिलाने की प्रक्रिया को जोड़ माने। मूर्त से अमूर्त की ओर जाएं, बच्चे इसे कभी भूल न पाए।। घटाव किसे कहते हैं…