प्रेम बनाये सभी काम प्रेम प्यासी हर काया, प्रेम ही सबको भाया, प्रेम पास सब लाया, प्रेम ही लुटाइये। बिगड़े काम बने है, फ़िर काहे को तने है संकट जब…
कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं-आँचल शरण
कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं, पर सत्य तो ये है कि हम उन्हें समझते नहीं। जब बच्चे शुरू शुरू में विद्यालय आते है,…
अब क्या-प्रभात रमण
अब क्या अब क्या गाँव की शान ढूंढते हो ? अपनी सभ्यता का सम्मान ढूंढते हो बाँस के मचान का दलान ढूंढते हो बबूल के पेड़ में आम ढूंढते हो…
स्वतंत्र-अश्मजा प्रियदर्शिनी
स्वतंत्र ऐ नादान इंसान, तुम मुझे जाने कैसे प्यार करते थे। अपनी इच्छा से जाने क्या क्या खिलाया करते थे । कभी पुचकारते कभी सहलाते रहा करते थे। फिर भी…
कौन कहते कि बच्चे पढ़ते नहीं-नूतन कुमारी
कौन कहते कि बच्चे पढ़ते नहीं बुद्धिजीवी होना कुछेक की मुद्दत होती है, अनुकरण करना बच्चों की फितरत होती है, शिद्दत से हम उन्हें समझाते नहीं, कौन कहते हैं बच्चे…
छत पर पाठशाला-विजय सिंह नीलकण्ठ
छत पर पाठशाला छत पर बैठा है लंगूर हाथ में उसके है अंगूर पास में बैठा एक लंगूर बजा रहा बाजा संतूर। देखने में बच्चे हैं मशगूल आनंद मिल रहा…
गणित सीखें-शफक फातमा
गणित सीखें आओ बच्चों सीखें गणित इसमें है अब सबका हित। इकाई दहाई पर पहले ध्यान फिर हो जोड़ घटाओ का ज्ञान। गुणा के बाद भाग की क्रिया सरलीकरण की…
कोरोना से जंग-लवली वर्मा
कोरोना से जंग थम सी गयी है जिंदगी, रुक गए हैं जैसे कदम। जिनसे मिल लिया करते थे हमेशा, उनसे मिलना हुआ दुर्गम।। कोरोना ने जन-जीवन को किया त्रस्त, जाने…
कर्मों का लेख-कुमकुम कुमारी
कर्मो का लेख खता तो हमने बहुत बड़ी की है तभी तो कुदरत ने इतनी बड़ी सजा हमें दी है कोरोना तो मात्र एक बहाना है, भटके हुए इंसान को…
सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय-कुमकुम कुमारी
सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय सदियों पूर्व हमारे शास्त्र ने यही तो हमें बताया है सर्वे भवन्तु सुखिनः का पाठ हमें पढ़ाया है सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय भारतीय संस्कृति में समाया…