शिक्षक की चाह मैं शिक्षक हूंँ, हाँ मैं शिक्षक हूंँ मैंने चाहा शिष्यों को शिखर तक ले जाने वाला बनूं, मैंने चाहा अपने मन में क्षमा की भावना रखूं, कमियां…
गुरू की महिमा अपरम्पार- नरेश कुमार ‘निराला’
गुरू की महिमा अपरम्पार गुरू ब्रह्मा है गुरू विष्णु है गुरू ही है भगवान महेश, गुरू ही ज्ञान की गंगा बहाते गुरू संगत मिट जाते क्लेश। गुरू बिन ज्ञान न…
मैं शिक्षक हूं-सुधीर कुमार
मैं शिक्षक हूं पत्थर तराश हर रोज नया, मूरत मैं बनाया करता हूं। बच्चों के भावी जीवन को, शिक्षा से सजाया करता हूं। राष्ट्र निर्माण के कारण मैं, पूजा समाज…
चलो चलें करें मतदान-विवेक कुमार
चलो चलें करें मतदान 5 साल बाद, मौका मिला हमें पुनः एक बार, अपने हक और अधिकार का, कर प्रयोग, बनाएं सशक्त जनाधार, दिखाएं अपने वोट का दम, घर से…
नव बसंत-प्रीति कुमारी
नव बसंत बीत गए दिन पतझड़ के अब नव बसंत फिर से आया, खुशियों से भर आई आँखें जीवन का कण-कण मुस्काया। वृक्षों के पल्लव हरे हुए मधुवन है फिर…
परोपकार-ब्यूटी कुमारी
परोपकार वह मानव जीवन व्यर्थ गया, जो किया कभी उपकार नहीं। जो मानव, मानव के काम आए, उसका जीवन सफल हो जाए। स्वयं के लिए जीवन जीना, तो पशुता कहलाता…
बेटी पर मुझको नाज़ है-धीरज कुमार
बेटी पर मुझको नाज़ है मेरी बेटी मेरे सर का ताज है गर्व है मुझे खुद पर की, एक बेटी के हम बाप है। जबसे मेरे घर आई बेटी मेरी…
बेटी-संध्या
बेटी बेटी मेरी प्यारी-सी, अनमोल और न्यारी-सी। मेरी चाहत मेरा प्यार, बेटी मेरी, मेरा अभिमान। बड़े भाग मेरे जो वो मेरे जीवन मे आई, भाग्य बदल गया सौभाग्य में। जब…
बाबा-प्रियंका दुबे
बाबा बचपन मे फिर लौटा दो ना बाबा, अपनी पुरानी साइकिल पर फिर से बैठा दो ना बाबा, मेरी हर जिद को सर आँखों में फिर से बिठला दो ना…
हे माँ शारदे हे माँ शारदे-माला त्रिपाठी मालांशी
हे माँ शारदे हे माँ शारदे करें साधना हम विजय वृति दो माँ। करें वंदना हम विनय दृष्टि दो माँ तिमिर को मिटायें ज्योति हम जगाएँ, हृदय हो आलोकित यही…