शिक्षक की चाह-अपराजिता कुमारी

शिक्षक की चाह मैं शिक्षक हूंँ, हाँ मैं शिक्षक हूंँ मैंने चाहा शिष्यों को शिखर तक ले जाने वाला बनूं, मैंने चाहा अपने मन में क्षमा की भावना रखूं, कमियां…

गुरू की महिमा अपरम्पार- नरेश कुमार ‘निराला’

गुरू की महिमा अपरम्पार गुरू ब्रह्मा है गुरू विष्णु है गुरू ही है भगवान महेश, गुरू ही ज्ञान की गंगा बहाते गुरू संगत मिट जाते क्लेश। गुरू बिन ज्ञान न…

परोपकार-ब्यूटी कुमारी

परोपकार वह मानव जीवन व्यर्थ गया, जो किया कभी उपकार नहीं। जो मानव, मानव के काम आए, उसका जीवन सफल हो जाए। स्वयं के लिए जीवन जीना, तो पशुता कहलाता…

बेटी-संध्या

बेटी बेटी मेरी प्यारी-सी, अनमोल और न्यारी-सी। मेरी चाहत मेरा प्यार, बेटी मेरी, मेरा अभिमान। बड़े भाग मेरे जो वो मेरे जीवन मे आई, भाग्य बदल गया सौभाग्य में। जब…

हे माँ शारदे हे माँ शारदे-माला त्रिपाठी मालांशी

हे माँ शारदे हे माँ शारदे करें साधना हम विजय वृति दो माँ। करें वंदना हम विनय दृष्टि दो माँ तिमिर को मिटायें ज्योति हम जगाएँ, हृदय हो आलोकित यही…