बाबुल की गुड़िया हो सके तो समझो दुनियाँ एक पिता के “मर्म” को, रख कर अपने दिल पे पत्थर निभाता पिता के धर्म को। “बूत” बनकर है निभाता रस्म “कन्यदान”…
प्रार्थना-दिलीप कुमार गुप्ता
प्रार्थना मन की शक्ति शुद्धता, शांति सर्वोत्तम प्रवाह आध्यात्मिक ऊर्जा सुक्ष्मातिसुक्ष्म बुद्धि नव विवेक सात्विक शक्ति अन्तःकरण जागरण शुद्धतम सद्भाव अन्तर्मन नवांकुरण व्यष्टि से समष्टि समृद्धि आह्वान अन्तस्थ निर्मलता…
नदियाँ-दिलीप कुमार गुप्ता
नदियाँ पर्वत कंदराओं से होकर सरपट दौड़ लगाती नदियाँ चट्टानों से टकरा टकरा कर अवरोधों को दूर भगाती है मैदानों के चौरस वक्ष पर मद्धिम मल्हार सुनाती है कलकल बहती…
कोरोना-अश्मजा प्रियदर्शिनी
कोरोना कोरोना का कहर विश्व में फैला रहा जहर महामारी फैलाने को है बेकरार चहूँ ओर है कहर ऐसे में संयमित रहे, लापरवाही न कीजिए। महामारी के संक्रमण से सकल…
बाल मजदूर विरोध-अश्मजा प्रियदर्शिनी
बाल मजदूर विरोध अपने बचपन को खोता कितना वह लाचार मलिन सी काया, दुर्बल छवि, जीर्ण-शीर्ण आकार अत्यंत आवश्यक प्यासे को पानी भूखे को आहार मांसाहार नहीं, उसे भोजन मिल…
कोरोना से सावधान-कमलेश्वरी यादव
कोरोना से सावधान कोरोना का दम ,मानव सफर से कम, यह ‘काल वृत्ति’ आते हैं, मानव को सताते हैं, दुर्दिन घड़ियाँ गिन-गिनकर, अक्ल ठिकाने लाते हैं। शोषक बनकर, प्रकृति का…
पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ-प्रीति कुमारी
पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ आओ मिलकर पेड़ लगाएँ नाचे गाएँ खुशी मनाएँ पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ । पेड़ों से हरियाली आती बागों में कोयलिया गाती, वन-उपवन में फूल हैं खिलते…
कोरोनावायरस-अशोक कुमार
कोरोनावायरस आओ मिलकर करें विचार, करोना से बचने का करे उपाय। साफ सफाई पर रहे ध्यान, करोना से पाएँ निदान। अपने हाथों से आँख मुँह नाक को बार-बार मत छूना,…
कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं-आँचल शरण
कौन कहते है बच्चे पढ़ते नहीं कौन कहते है बच्चे पढ़ते नहीं, पर सत्य तो ये है की हम उन्हें समझते नहीं। जब बच्चे शुरू शुरू में विद्यालय आते है,…
कक्षा का अमृत रस-गौतम भारती
कक्षा का अमृत रस कक्षा तो कक्षा है, इसमें उपस्थित रहा करो। हो रहे वितरण ज्ञान का, बस अमृत रस पीया करो।। बस अमृत रस पीया करो। चूकुर-भूकुर सौगात है…