हार-जीत हो राहों में चाहे बाधा हजार जीवन की है यही ललकार हार जीत तो लगी है जग में हँसकर उसे तू कर स्वीकार। है दूर मंजिल तो क्या भय…
नारी तो है नारायणी-अपराजिता कुमारी
नारी तो है नारायणी जो माँ, बहन, बेटी, पत्नी, बनती जो हैं इस जीवन का आधार जो है ईश्वर की खूबसूरत उपहार जब यह खुशबू बनकर बरस जाती सारे जख्म,…
शब्द और कवि-प्रभात रमण
शब्द और कवि कविता के शब्द नहीं वह तो उसका एक बेटा है कुछ नन्हा सा कुछ बड़ा हुआ कुछ तो बिल्कुल ही छोटा है नटखट,चपल,चालाक वह रातों को मुझे…
मानव जीवन-दिलीप कुमार गुप्ता
मानव जीवन नव उम्मीद स्पंदित अन्तर्मन नव विश्वास का तीव्र जागरण विश्वबंधुत्व सर्वोच्च संबल त्याग बलिदान समर्पण अभिप्रेरित मानव जीवन। परोपकार का प्रकीर्णन उदारीकरण का स्फोटन साहस निर्भीकता उच्च मनोबल…
विद्यालय-प्रीति कुमारी
विद्यालय विद्या का आलय विद्यालय, जहाँ मिलता है नित ज्ञान हमें । शिक्षा रूपी इस बगिया से, फिर मिलती है पहचान हमें । शिक्षक के अथक प्रयासों से, जब मिलता…
नारीशक्ति-स्वाति सौरभ
नारीशक्ति जब जब औरत माँ बनती है, तब तब मौत से वो लड़ती है। जब बेटी से बहू बनती है, दो परिवार का मान रखती है। त्याग बलिदान का मूरत…
प्रगति-मधु कुमारी
प्रगति हो भविष्य की तुम धरोहर सुन लो ओ देश के नोनिहाल प्रगति के पथ पर है नित्य तुम्हें नए नए कीर्तिमान स्थापित करना नित्य, निरंतर है तुम्हें बढ़ना, बस…
प्रेम बनाये सभी काम-विनय कुमार वैश्कियार
प्रेम बनाये सभी काम प्रेम प्यासी हर काया, प्रेम ही सबको भाया, प्रेम पास सब लाया, प्रेम ही लुटाइये। बिगड़े काम बने है, फ़िर काहे को तने है संकट जब…
कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं-आँचल शरण
कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं, पर सत्य तो ये है कि हम उन्हें समझते नहीं। जब बच्चे शुरू शुरू में विद्यालय आते है,…
अब क्या-प्रभात रमण
अब क्या अब क्या गाँव की शान ढूंढते हो ? अपनी सभ्यता का सम्मान ढूंढते हो बाँस के मचान का दलान ढूंढते हो बबूल के पेड़ में आम ढूंढते हो…