जिंदगी सुख-दुख में पलती है जिंदगी, कहीं खुशी कहीं गम है जिंदगी। कहीं अपनों का साथ है जिन्दगी, कहीं परायों का साथ है जिन्दगी। कटती सबको साथ लिए जिन्दगी, कभी…
जीवनदाता-विजय सिंह नीलकण्ठ
जीवनदाता सब जीवों की यही कहानी जीवित रहता पीकर पानी इसके बिना न जीवन संभव फिर भी करते जन मनमानी। करते रहता इससे स्नानी मिलता रहता हर स्थानी बचपन हो…
अच्छा लगता है-विवेक कुमार
अच्छा लगता है शिक्षक हूं शिक्षा देना अच्छा लगता है बच्चों से हर पल रु-ब-रू होना अच्छा लगता है उनकी मनमोहक बातें, निश्छल भाव हरकतें, तुतलाती बोली, नटखटपन अच्छा लगता…
बालमन-प्रियंका दुबे
बालमन कल्पनाओं के अंबुज में गोते लगाता बालमन, भरना चाहता है सदैव उन्मुक्तता की उड़ान, अंगीकार कर लेना चाहता है स्वच्छंदता की अनंत असीम विस्तार। कौतुहल से भरी शिशु मन…
जिंदगी की परिभाषा-नूतन कुमारी
ज़िंदगी की परिभाषा कभी धूप तो कभी छांव है ज़िंदगी। कभी शहर तो कभी गाँव है ज़िंदगी। कभी खुशियाँ तो कभी गम है ज़िंदगी। कभी सुंदर सा सरगम है…
तू बन ऐसा दरिया-अंशु कुमारी
तू बन ऐसा दरिया तू बन ऐसा दरिया जो पत्थर को पिघला दे, तू कर ऐसे काम जो खुदा बना दे। तुझमें है जुनून तू ये कर के दिखा दे,…
युगपुरुष स्वामी विवेकानंद-मनु कुमारी
युगपुरुष स्वामी विवेकानंद गुरु सेवाकर जिसने अपने जीवन में था सबकुछ पाया, जीवनकाल में हीं जिसने मृत्यु के रहस्य को ढूंढ निकाला, निज मुक्ति से बढ़कर जिसने राष्ट्र सेवा को…
जीवन है अनमोल खजा़ना-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
जीवन है अनमोल खजा़ना जीवन है अनमोल ख़ज़ाना इसे तुम बेकार मत गवांओ अगर है जीने की चाह तुम्हें कुछ अच्छा करके दिखाओ। दुनियां देगी सदा मिसाल तेरी तुम अपने…
आज की कविता-गिरिधर कुमार
आज की कविता संकोच कुछ नहीं है अब कहने में की हारने लगी है कविता कि मेरी कविता अब म्लान रूग्ण और बेजान हो गयी है। झूठ के उत्साह से…
बचपन-ब्रह्माकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’
बचपन अल्हड़ है, मदमस्त है आसमा, छूने की चाहत है। नदियों सी चंचल है पवन सी पागल है जानने को सबकुछ उत्कल है। आंखों में खुशी, होठों पे हंसी पल…