अब ये कदम ना पीछे हटेंगे – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

ऐ सुन मेरे भाई मत बोल तीखा, अभी तो मैंने बस चलना है सीखा। पूरा है भरोसा स्वयं पर मुझको, मुकद्दर से मैंने लड़ना है सीखा। लगा ले चाहे कोई…

गीत – मुकेश कुमार मृदुल

थाम तुम्हारी उँगली पापा! चलना सीखा डगर-डगर। और तुम्हारे कंधों पर चढ़ देखा मैंने गाँव-शहर। अपनी क्षमता झोंकी तुमने मुझको सतत पढ़ाने को सभ्य आचरण भी सिखलाया लोगों से बतियाने…

स्त्री – रूचिका

मैं स्त्री संसार की धुरी, प्रेम और सम्मान की अधिकारी, नही अबला बेचारी, नही बनना तकदीर की मारी। अपनी किस्मत स्वयं लिखूँ, अपनी कहानी स्वयं गढ़ूं, सुनहरे भविष्य के लिए…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य

करिए वंदन शंभु का, लेकर पूजन थाल। उनकी महिमा है बड़ी, उनका हृदय विशाल।। शिव के पावन नाम का, गाएँ नित गुणगान। निश्छल मन में कीजिए, शुचिमय चिंतन-भान।। शिव शिव…

अभियान भारत का गौरव – डॉक्टर मनीष कुमार शशि

स्वच्छ भारत अभियान सरकार की एक पहल महात्मा गांधी का सपना कि भारत स्वच्छ रहे सुंदर दिखे सरकार उस स्वप्न को सार्थक कर रही है चारित्रिक स्वच्छता भी साकार होने…

उसके रिझाने से – एस.के.पूनम

जाग कर कई रातें, स्वप्निल है मेरी आँखें, प्राप्त हुई दिव्य ज्योति,तम मिट जाने से। फैल गया उजियारा, छिप गया नभ तारा, बगिया में फूल खिले,पौधे सींच जाने से। मंडराता…

फाल्गुन के भाव – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

कृपाण घनाक्षरी छंद विद्या:-फाल्गुन के भाव जंगल में नाचे मोर कोयल मचाती शोर, हलचल चहुंओर, आ गया फाल्गुन मास। हाथों में गुलाल लाल कर के गुलाबी गाल, मोरनी की देख…

बगिया के फूल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

विद्या:-रूप घनाक्षरी छंद बच्चें लगें फूल ऐसे गेंदा व गुलाब जैसे, खिले खिले चेहरे पे, दिखते जब मुस्कान। परियों की पंख लगा उड़ते आसमान में, दुनिया के गम से वो,…