भ्रष्टाचार – तमाल छंद गीत किया सभी ने सद्कर्मों से, बैर। भ्रष्टाचार जहाँ फैलाया, पैर।। मुश्किल करना होता अब तो, काम। जीवन का अब अंग बना है, दाम।। चाहत सबकी…
दर्श का फूल खिलेगा- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
दर्श का फूल खिलेगा। दौड़ रहा है कंस,नहीं है कोई चारा। ऑंख फाड़कर देख,रहा घिरता ॲंधियारा।। आया तेरा जन्म,दिवस तम दूर रहेंगे। मानव श्रद्धा भाव,लिए भरपूर रहेंगे।। जब तक तुम…
उपयोगी वृक्ष – कर्ण छंद – राम किशोर पाठक
उपयोगी वृक्ष – कर्ण छंद तरुवर का रखकर ध्यान, सदा जीवन को सुखमय पाते। देकर इनको हम मान, धरा को पावन करते जाते।। तरुवर हैं जीवन मूल, यहाँ अबतक जिसने…
पहचान बचा कर रख लेना
पश्चिमीकरण,औद्योगीकरण और नगरीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण हमारी ग्रामीण संस्कृति की पहचान खत्म होती जा रही है। पाश्चात्य अंधानुकरण की होड़ में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे…
जय जय कृष्ण मुरारी बोल
जय -जय कृष्ण मुरारी बोल जय जय राधा रानी बोल जय जय कृष्ण मुरारी बोल। दुनिया आनी जानी बोल तू अपनी मनमानी बोल। प्रेम की युगल कहानी बोल प्रेमी की…
प्रेम पथ
प्रेम-पथ एक मानुष काटता पत्थर अहर्निश, बिन रुके और बिन झुके वह ले हथौड़ा, हौशले को कर रहा मजबूत निशदिन, नियति को बदलने का था उसको भरोसा। पर्वत था खड़ा…
एक अनोखी प्रेम कहानी- गीत- राम किशोर पाठक
एक अनोखी प्रेम कहानी- गीत युग पुरुष एक ऐसा देखा, देखी जिसमें अलग रवानी। आओ तुमको याद दिलाए, एक अनोखी प्रेम कहानी।। गया गहलौर में जन्में थे, दशरथ मांझी गुमनाम…
दोस्ती का अर्थ – संजय कुमार
दोस्ती का अर्थ बचपन में समझ न आया दोस्ती का अर्थ क्या है ? हम उनसे प्यार करते रहे वे हमपर अहसान करते रहे बात बात पर लड़ना झगड़ना शिक्षकों…
वो मुरलीवाले- अमरनाथ त्रिवेदी
वो मुरलीवाले वो मुरली वाले तेरी मुरली पड़ी है , अब तो यह नहीं बजती , यमुना तट रास रचानेवाले , अब रास नहीं कभी सजती। दुनिया का रखवाला मोहन , कहाँ…
पावस की यह रात सुहानी – प्रदीप छंद गीत- राम किशोर पाठक
पावस की यह रात सुहानी – प्रदीप छंद गीत बदल रहा है रंग धरा का, अच्छा होगा मान लो। पावस की यह रात सुहानी, बन जाएगी जान लो।। नारायण को…